न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने बुधवार को कहा कि मिस्त्री (Cyrus Mistry) के खिलाफ रतन टाटा (ratan tata) के उठाए गए कदम परेशान करने वाले थे। पीठ ने नए चेयरमैन की नियुक्ति को भी अवैध ठहराया। अदालत ने यह भी कहा कि टाटा सन्स को पब्लिक कंपनी से निजी बनाने का फैसला भी गैर कानूनी है और इसे पलटने का आदेश दिया जाता है। यह आदेश चार सप्ताह में लागू होगा और टाटा समूह के पास इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का भी विकल्प है।
मेरी व्यक्तिगत जीत नहीं, शेयरधारकों के अधिकारों की जीत
साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) ने इस फैसले पर कहा, ‘आज का फैसला मेरी व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि यह अच्छे प्रशासन और अल्पांश शेयरधारकों के अधिकारों की जीत है। इससे मेरा रुख सही साबित होता है।’
साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के छठे चेयरमैन
साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) टाटा सन्स के छठे चेयरमैन थे और उन्हें इस पद से अक्तूबर 2016 में हटा दिया गया था। रतन टाटा (ratan tata) के बाद उन्होंने 2012 में चेयरमैन का पद संभाला था। समूह के 150 साल के इतिहास में मिस्त्री (Cyrus Mistry) चेयरमैन बनने वाले टाटा परिवार से बाहर के दूसरे व्यक्ति थे।