शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 07:19:16 PM
Breaking News
Home / बाजार / निकले मंदिरों में जमा सोना तो होगा इकनॉमी का भला: नीलेश शाह

निकले मंदिरों में जमा सोना तो होगा इकनॉमी का भला: नीलेश शाह

नई दिल्ली। सोने की इतनी चाहत इकनॉमी के लिए ठीक नहीं है. कोटक एएमसी के एमडी नीलेश शाह (Kotak AMC MD Nilesh Shah) ने कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए निवेश करना जरूरी है. घरेलू बचत जरूरी है नहीं तो फिर आपको विदेशी बचत की जरूरत पड़ेगी.

आठ सालों में भारत ने 245 बिलियन डॉलर का सोने और जवाहरात का किया आयात

नीलेश शाह के मुताबिक पिछले आठ सालों में 2011-2018 के बीच भारत ने 245 बिलियन डॉलर का सोने और महंगे जवाहरात का आयात किया है. हमें 10-12% विकास करना है लेकिन उस ग्रोथ को लाने के लिए हमें सेविंग्स चाहिए, जो हमारे पास नहीं है. ये पूछे जाने पर कि हम भारतवासी गोल्ड से इतने ऑब्सेस्ड क्यों हैं? नीलेश शाह का कहना है कि झोपड़ पट्टी के लोगों को अपना पैसा साथ में लेके घूमना पड़ता है तो वो सोने में उस सेविंग्स को कन्वर्ट करके घूमते रहते हैं.

सोने का पैसा ब्लैक मनी में ना लगाएं

बहुत से लोगों ने सोने में निवेश किया है ताकि उसे ब्लैक मनी में निवेश कर सकें. हमें ये कोशिश करनी होगी कि लोग सोने का पैसा ब्लैक मनी में ना लगाएं.नीलेश शाह का कहना है कि हम सोने में 12% इंपोर्ट ड्यूटी लगाते हैं. इस तरह हमें सोने का आयात महंगा पड़ता है.हमें ज्वैलर्स के साथ को-ऑपरेट करना चाहिए कि वो गोल्ड बॉन्ड को सही तरीके से मार्केट में ला पाए. हमें उन ज्वैलर्स को विश्वास में लेना चाहिए जो 22 और 24 कैरेट का हैवी सोना बनाते हैं. वे 12-14 कैरेट की हल्की ज्वैलरी बनाएं ताकि लोग सोना अफोर्ड कर सकें. और अपना पैसा हैवी ज्वैलरी पर न लगाएं.

Check Also

Basic Home Loans raises $10.6M in Series B funding led by Bertelsmann India Investments

बेसिक होम लोन ने बर्टेल्समैन इंडिया इन्वेस्टमेन्ट्स के नेतृत्व में सीरीज़ बी फंडिंग में 10.6 मिलियन डॉलर की राशि जुटाई

इस नई धनराशि का उपयोग बाज़ार में कंपनी की पहुंच बढ़ाने, ऋण पोर्टफोलियो के विस्तार …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *