मुंबई। संकट से जूझ रही रियल्टी कंपनी लवासा कॉरपोरेशन के ऋणदाता गुरुवार को हल्दीराम स्नैक्स, पुणे के बिल्डर अनिरुद्घ देशपांडे और यूवी एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (यूवीएआरसी) के प्रस्तावों पर विचार करेंगे। खाद्य क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हल्दीराम ने हल्दीराम स्नैक्स, पायनियर फैकर आईटी इन्फ्राडेवलपर्स और संसार प्रॉपर्टी एलएलपी के कंसोर्टियम के जरिये लवासा में शत प्रतिशत हिस्सेदारी 2,046 करोड़ रुपये में खरीदने की पेशकश की है। बैंकों के समक्ष दी गई प्रस्तुति में कंसोर्टियम ने बताया कि उसने बेकमैंस इंडस्ट्रीज, क्वालिटी और टेंपटेशन फूड्स को पटरी पर लाने की प्रक्रिया में शिरकत की थी।
एक शीर्ष बैंकिंग स्रोत ने बताया कि पुणे की रियल एस्टेट कंपनी सिटी कॉरपोरेशन के मालिक देशपांडे ने अभी तक अपने फंड के स्रोतों के बारे में जानकारी नहीं दी है और 250 करोड़ रुपये की पेशकश की है। उनके प्रस्ताव में वित्तीय लेनदारों के लिए अग्रिम फंड के भुगतान का कोई जिक्र नहीं है। उल्लेखनीय है कि देशपांडे लवासा परियोजना के मूल प्रवर्तकों में शामिल थे और बाद में उन्होंने अपनी हिस्सेदारी एचसीसी को बेच दी थी। होड़ में शामिल तीसरी कंपनी यूवीएआरसी को मैजेस्टिक होटल्स, मित्र ज्ञान शिक्षा समिति और टी एक्सचेंज भारत जैसे मामलों के कायाकल्प का श्रेय दिया जाता है। साथ ही कंपनी ने प्रतिभूति पत्रों के आधार पर 1,053 करोड़ रुपये में 14 खातों का अधिग्रहण किया था। इनमें डीएससी, इलेक्ट्रो स्टील्स, डेक्कन क्रॉनिकल्स, केएमपी एक्सप्रेसवे, धनबाद दुर्गापुर एक्सप्रेसवे और जेम्स होटल्स शामिल हैं।
पुणे में पर्वत पर बना है शहर, पर्यावरण मंत्रालय ने लगाई रोक
एचसीसी द्वारा प्रवर्तित लवासा परियोजना के तहत महाराष्ट्र में पुणे के नजदीक एक सुंदर पर्वतीय शहर स्थापित किया जाना था। इसकी शुरुआत 2000 में हुई लेकिन 2010 में पर्यावरण मंत्रालय ने इस पर रोक लगा दी। इसके बाद उसने बैंकों के 4,150 करोड़ रुपये के भुगतान में चूक की। अगस्त 2018 में इसे राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (एनसीएलटी) के पास भेजा गया। 31 मार्च, 2018 तक लवासा के पास 10,514 एकड़ जमीन है जिसमें से 455 एकड़ जमीन पट्टे पर थी। एचसीसी के एक अधिकारी ने बताया, ‘इस परियोजना को पटरी पर लाने के लिए नए निवेशक को 10 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की जरूरत होगी।’