देश में चलन में मौजूद मुद्रा 17 फीसदी बढ़कर 21.10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। साथ ही वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकों में 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामले सामने आए हैं।
मुंबई | देश में पिछले साल बैंक धोखाधड़ी के मामलों में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जबकि धोखाधड़ी की राशि 73.8 प्रतिशत बढ़कर 71,542.93 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। आरबीआई की सालाना रिपोर्ट में यह आंकड़ा दिया गया है।
6,801 मामले सामने आए
भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में चलन में मौजूद मुद्रा 17 फीसदी बढ़कर 21.10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। साथ ही, यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकों में 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामले सामने आए हैं।
500 रुपये के नोट की सबसे अधिक मांग
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद अर्थव्यवस्था में चलन में आई मुद्रा मार्च, 2019 में 17 फीसदी की वृद्धि के साथ 21.10 लाख करोड़ रुपये हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि 500 रुपये का नोट सबसे अधिक मांग में है और वर्तमान मुद्रा व्यवस्था में प्रचलित नोटों में 500 रुपये के नोट की हिस्सेदारी 51 फीसदी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में चलन में मौजूद मुद्रा 17 फीसदी बढ़कर 21.10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। साथ ही, यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकों में 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामले सामने आए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घरेलू मांग घटने से आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड़ी हैं और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए निजी निवेश बढ़ाने की जरूरत है। आरबीआई ने कहा है कि आईएलऐंडएफएस संकट के बाद एनबीएफसी से वाणिज्यिक क्षेत्र को ऋण प्रवाह में 20 फीसदी की गिरावट आई है।