जयपुर। देश की सबसे बड़ी बिस्कुट निर्माता कंपनी पारले प्रोडक्ट्स प्रा. लि. 10,000 कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है। कंपनी सुस्त मांग के चलते इस कदम पर विचार कर रही है। देश में आर्थिक सुस्ती के कारण ऑटोमोबाइल से लेकर रिटेल सेक्टर तक की कंपनियां भी उत्पादन घटाने और कर्मचारियों की छंटनी करने के लिए मजबूर हो रही हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी इस समय गिरती मांग और ऊंचे जीएसटी रेट से परेशान है, इसकी वजह से वह ऐसा कदम उठा सकती है।
राहत नहीं मिली तो कदम उठाना मजबूरी
पारले प्रोडक्ट्स के मयंक शाह के हवाले से कहा गया है कि हमने सरकार से जीएसटी में कटौती करने की मांग की है। अगर सरकार ने कोई राहत नहीं दी तो 8000-10000 कर्मचारियों को हटाने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं होगा। हालांकि कंपनी की ओर से इसके बारे में कोई टिप्पणी नहीं मिल पाई है। पारले के सबसे ज्यादा लोकप्रिय ब्रांडों में पारले-जी और मेरी शामिल हैं।
ब्रिटानिया ने भी आर्थिक सुस्ती पर चिंता जतायी थी
पारले एकमात्र फूड प्रोडक्ट कंपनी नहीं है जिसने मांग की सुस्ती पर चिंता जाहिर की है। इससे पहले ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर वरुण बेरी ने कहा था कि उपभोक्ता पांच रुपये का भी उत्पाद घटने से पहले दो बार सोचने लगे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि अर्थव्यवस्था को लेकर गंभीर समस्या है।
ऑटो सेक्टर भी गंभीर संकट में
आर्थिक सुस्ती से ऑटोमोबाइल सेक्टर भी बदहाल है। पिछले दिनों जारी उद्योग संगठन सियाम के आंकड़ों के मुताबिक वाहनों की बिक्री 19 साल का निचले स्तर पर गिर गई। मांग में लगातार गिरावट आने के कारण ऑटो कंपनियों उत्पादन में कटौती और कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है। वाहन निर्माता कंपनियों के अलावा ऑटो पोर्ट्स कंपनियां भी गंभीर समस्या का सामना कर रही है। पार्ट्स कंपनियों ने आने वाले समय में दस लाख नौकरियां खतरे में पड़ने की आशंका जतायी है।