नई दिल्ली| देश में अगले साल एक जून तक एक देश, एक राशन कार्ड (वन नेशन, वन राशन कार्ड) योजना लागू करने के प्रयास के तहत केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राशनकार्ड की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी की शुरुआत की. इसका आरंभ तेलंगाना-आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र-गुजरात के बीच अंतर-राज्यीय राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी के साथ हुआ है. इसका मतलब यह है कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में रहने वाले लाभार्थी किसी भी एक राज्य के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) यानी राशन की दुकानों से अपने कोटे का अनाज खरीद सकते हैं. ऐसा ही महाराष्ट्र और गुजरात में हो सकेगा.
अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी की शुरुआत करते हुए खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा, ”आज एक ऐतिहासिक दिन है. हमने राशन कार्ड की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी को शुरु किया है और दो राज्यों को जोड़ा बनाया है.” उन्होंने कहा कि इन चार राज्यों में राशन कार्ड की राज्य के अंदर और अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी दोनों को सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है. कांत ने कहा, ”जनवरी 2020 तक, इन 11 राज्यों को एक ग्रिड के रूप में बनाया जाएगा जहां राशन कार्ड को पोर्टेबल बनाया जाएगा. इसका मतलब है कि लाभार्थी इन 11 राज्यों में से किसी एक से अपना राशन खरीद सकते हैं.”
एक जून, 2020 तक देश भर में चालू करने का लक्ष्य
मंत्री ने कहा कि सरकार एक जून, 2020 तक देश भर में ‘एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड’ को चालू करने का लक्ष्य बना रही है. यह पूछे जाने पर कि स्टॉक का प्रबंधन कैसे किया जाएगा, पासवान ने कहा, ”कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों में पर्याप्त भंडार है और उन्हें तीन महीने पहले से ही राशन स्टॉक करने को कहा गया है.”