नई दिल्ली। अवीवा लाइफ इंश्योरेंस के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर प्रशांत शर्मा ने भारत सरकार के साथ फाइनेंशियल रिकॉर्ड को बनाए रखने के लिए अंतिम मिनट की पांच इनकम टैक्स फाइलिंग के सुझाव दिए है। ऑनलाइन फाइलिंग शुरू होने के साथ इनकम टैक्स फाइल करना बहुत ज्यादा आसान हो गया है।
वेतनभोगी कर्मचारी अपने रिटर्न फाइल करने के लिए इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। यदि समय बहुत कम बचा हो, तो व्यक्तिकंसल्टैंट/एडवाइजर्स की मदद ले सकता है। यद्यपि अनेक ई-फाइलिंग पोर्टल होने के बाद अब हर व्यक्ति अपना काम खुद कर सकता है। आईटीआर फाइलिंग के लिए ध्यान में रखने योग्य कुछ प्रमुख दस्तावेज, पैनकार्ड-व्यक्तिकी व्यवसायिक पहचान, आधारकार्ड, रोजगारदाता से या रोजगारदाता बदलने की स्थिति में रोजगारदाताओं से मिला फॉर्म 16, 26 एएस फॉर्म का उपयोग करें, 50 लाख रुपए से ज्यादा आय होने पर संपत्तियों का प्रमाण/विवरण, बैंक के स्टेटमेंट और निवेश के प्रमाण बेहद जरूरी है। फाइलिंग की प्रक्रिया शुरु करने से पहले असेसमेंट वर्ष के लिए टैक्स नियम देख लेना चाहिए। इनमें बदलाव एवं नए संशोधन हो सकते हैं, जो टैक्स के सही दायित्व की गणना के लिए आवश्यक हो सकते हैं। रिटर्न उन स्लैब्स पर निर्भर करेगा, जिसके तहत रिटर्न फाइल किया गया है।
वेतनभोगी कर्मचारी अपने रिटर्न फाइल करने के लिए इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। यदि समय बहुत कम बचा हो, तो व्यक्तिकंसल्टैंट/एडवाइजर्स की मदद ले सकता है। यद्यपि अनेक ई-फाइलिंग पोर्टल होने के बाद अब हर व्यक्ति अपना काम खुद कर सकता है। आईटीआर फाइलिंग के लिए ध्यान में रखने योग्य कुछ प्रमुख दस्तावेज, पैनकार्ड-व्यक्तिकी व्यवसायिक पहचान, आधारकार्ड, रोजगारदाता से या रोजगारदाता बदलने की स्थिति में रोजगारदाताओं से मिला फॉर्म 16, 26 एएस फॉर्म का उपयोग करें, 50 लाख रुपए से ज्यादा आय होने पर संपत्तियों का प्रमाण/विवरण, बैंक के स्टेटमेंट और निवेश के प्रमाण बेहद जरूरी है। फाइलिंग की प्रक्रिया शुरु करने से पहले असेसमेंट वर्ष के लिए टैक्स नियम देख लेना चाहिए। इनमें बदलाव एवं नए संशोधन हो सकते हैं, जो टैक्स के सही दायित्व की गणना के लिए आवश्यक हो सकते हैं। रिटर्न उन स्लैब्स पर निर्भर करेगा, जिसके तहत रिटर्न फाइल किया गया है।