नई दिल्ली। उत्पादक राज्यों में सरसों के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे चल रहे हैं लेकिन राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) एमएसपी से नीचे भाव पर सरसों की बिक्री नहीं करेगी। निगम के पास सरसों का 11 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ है।
नेफेड के एक वरष्ठि अधिकारी ने बताया निगम जल्दी ही सरसों की बिकवाली शुरू करेगी तथा सरसों की बिक्री समर्थन मूल्य 4,200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जायेगी। उन्होंने बताया कि निगम ने रबी विपणन सीजन 2019-20 में समर्थन मूल्य पर राजस्थान से सरसों की खरीद 8.50 लाख टन, हरियाणा से 2.50 लाख टन और मध्य प्रदेश से 2.44 लाख टन सरसों खरीदी है। इसके अलावा गुजरात से 79 हजार टन सरसों की खरीद समर्थन मूल्य पर की गई। उन्होंने बताया कि नेफेड के पास तिलहन का 15 लाख टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ है जिसमें 11 लाख टन सरसों है और 4 लाख टन अन्य तिलहन मूंगफली, मूंगफली और सनफ्लावर का स्टॉक है।
सरसों की कीमतों में सुधार की संभावना
भरतपुर मंडी के कारोबारी ने बताया मंडी में कंडीशन की सरसों के भाव 3,800 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे है हालांकि उत्पादक मंडियों में सरसों की दैनिक आवक कम है लेकिन बकाया स्टॉक पिछले साल की तुलना में ज्यादा ही माना जा रहा है। उन्होंने बताया कि नेफेड समर्थन मूल्य पर सरसों बेचेगी, इससे उत्पादक मंडियों में सरसों की कीमतों में सुधार आने का अनुमान है। खपत का सीजन शुरू होने के कारण आगे सरसों तेल और खल की मांग में भी सुधार आने का अनुमान है।
रिकार्ड उत्पादन का अनुमान
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में सरसों का रिकार्ड उत्पादन 87.82 लाख होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल 84.30 लाख टन का उत्पादन हुआ था। केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2019-20 के लिए सरसों का एमएसपी 4,200 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।