डायनोसॉर को लेकर बनने वाली जुरासिक पार्क सीरीज की पांचवीं फिल्म है
टीना सुराणा. 1993 में शुरु हुई जुरासिक फिल्मों की ये चौथी किस्त है। भले ही कहानी पिछली फिल्मों से मिलती जुलती है परंतु समीक्षकों के अनुसार ये फिल्म बेस्ट है। जुरासिक वर्ल्ड के साथ डायनोसोर एक बार फिर से पर्दे पर वापस आ गए। जुरासिक वर्ल्ड नाम से बनी इस फिल्म में पिछली फिल्मों की कहानी को फिर से शुरु किया गया और 2015 में रिलीज हुई जुरासिक वर्ल्ड ने रिकॉर्ड तोड़ कमाई की। अब इस फिल्म का दूसरा भाग रिलीज हो गया है और पिछली फिल्म में आइलैंड पर पीछे छूटे डायनोसोर्स को बचाने के लिए ओवेन और क्लेयर फिर से आईलैंड पर जाने का विचार कर रहे हैं। कारण इस आईलैंड पर एक ज्वालामुखी फूटने वाला है और इन प्राणियों को फिर से विलुप्त होने से बचाने के लिए मानवों को कुछ करना चाहिए। डायनासोर को बचाया जाए या नहीं इसको लेकर अमेरिकी बैठकें कर रही हैं। अंतत: फैसला लिया जाता है कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी। इधर जुरासिक वर्ल्ड से जुड़ी रही क्लेयर ब्राइस डलास हॉवर्ड एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट बन गई है और डायनासोर को बचाने के लिए लॉबिंग कर रही हैं। तभी उससे एक पुराण परिचित एली मिल्स राफे स्पैल संपर्क करता है। वह खरबपति बेंजामिन लॉकवुड जेम्स क्रॉमवेल के लिए काम करता है। लॉकवुड जुरासिक पार्क के संस्थापक जॉन हैमंड के साथ काम करते थे। फिर दोनों किसी बात पर अलग हो गए। हालांकि इसमें कहानी का जो प्लॉट है वह रोचक है। जुरासिक सीरीज की सबसे बड़ी खासियत हैं डायनासोर। विजुअल शानदार है, जो कि काफी खूबसूरत हैं। ग्राफिक्स कमाल के हैं। सारे सीन को बेहतरीन कौशल से फिल्माया गया है। पटकथा की कमियों को सुन्दर दृश्यों और वीएफएक्स ने ढक दिया है। निर्देशक जे ए बेयोना ने कुल मिलाकर निराश नहीं किया है। उन्होंने दुनिया के सामने जेनेटिक हथियारों के खतरों को सफलतापूर्वक रखा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि यह फिल्म मनोरंजन करती है और एक बार देखने लायक है।