शनिवार, नवंबर 23 2024 | 01:51:55 AM
Breaking News
Home / बाजार / फेसबुक चुनावी अफवाह को लेकर करेगी सतर्क सीपी से बातचीत

फेसबुक चुनावी अफवाह को लेकर करेगी सतर्क सीपी से बातचीत

नई दिल्ली.  दो हफ्ते में आम चुनावों का दौर शुरू होने जा रहा है ऐसे समय पर फेसबुक ने अपने मंच से कोई गलत जानकारी प्रसारित न होने देने के लिए भारत केंद्रित कई पहल किए हैं। फेसबुक उत्पाद प्रबंध निदेशक (नागरिक निष्ठा) समिध चक्रवर्ती ने सीपी से बातचीत में उन कदमों के बारे में जानकारी दी जिसे सोशल मीडिया की इस दिग्गज कंपनी ने झूठी खबर को फैलने से रोकने के लिए उठाई है। पेश है बातचीत के संपादित अंश:  भारत में लोकसभा चुनाव से पहले आप क्या कदम उठा रहे हैं? इस हफ्ते से हम एक सेवा शुरू करने जा रहे हैं जिसे हमने ‘कैंडिडेट कन्नेक्ट’ नाम दिया है। यह फेसबुक के मंच पर होगा जिसके जरिये लोग उम्मीदवारों के वीडियो देख पाएंगे और उसकी तुलना कर पाएंगे। हम उम्मीदवारों को अपने छोटे-छोटे वीडियो अपलोड करने के लिए आमंत्रित करते हैं जिसमें वे अपने बारे में और अपनी उपलब्धियों के बारे में बात कर सकते हैं। इसके जरिये वे लोगों को बता पाएंगे कि वे चुने जाने पर कौन से काम करेंगे। इन मुद्दों पर उम्मीदवार सीधे अपने वीडियो अपलोड करने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्या इन वीडियो के विषय वस्तु की जांच के लिए कोई टीम बनाई गई है? अपलोड किए जाने वाली सभी सामग्री हमारे कम्युनिटी मानकों पर खरी उतरने वाली होनी चाहिए। भारत में तथ्य जांचने वालों के साथ आपकी साझेदारी किस प्रकार की है? हमारे पास यहां सात तथ्य जांचने वाले साझेदार हैं जो कि किसी भी देश में हमारे साझेदारों की संख्या से अधिक है। जब कभी इन तथ्य जांचकर्ताओं में से कोई जांचकर्ता किसी विषय वस्तु को अफवाह की श्रेणी में डाल देंगे तब हम फेसबुक पर इस पेज का इस्तेमाल करने वाले लोगों को इसकी जानकारी देंगे। हम भारत केंद्रित जो उपाय लागू करने जा रहे हैं उनमें से एक यह है कि जब कभी कोई व्यक्ति ऐसे किसी वीडियो या चित्र को देखेगा जिसे तथ्य जांचकर्ता ने पर्दाफाश के रूप में इंगित किया है तो उस पर हम एक स्क्रीन लगा देंगे जिस पर लिखा होगा कि किसी तीसरे पक्ष ने इसका पर्दाफाश किया है। उस पर क्लिक कर व्यक्ति यह पढ़ सकता है कि तीसरे पक्ष ने उसके बारे में क्या कहा है। हालांकि व्यक्ति उस स्क्रीन को हटा कर मूल सामग्री देख सकता है। अमेरिका और ब्राजील के मुकाबले भारत में चुनाव का अनुभव कितना अलग है? इसमें काफी अंतर हैं और इस चुनाव को समर्थन देने के लिए हमें निश्चित तौर पर नई रणनीति बनाने और उसे अपनाने की जरूरत है। सबसे बड़ा अंतर यह है कि भारत में बहुत सी भाषाएं और विविधताएं हैं। इसीलिए कैंडिडेट कनेक्ट जैसे नए फीचर को भी हमने 12 भाषाओं में उपलब्ध कराया है।                                                                           साथ ही भारत में चुनाव की घोषणा के बाद यहां चुनाव बहुत तेजी से होते हैं। हम इस चुनाव के लिए लंबे वक्त से तैयारी कर रहे थे। एक साल पहले ही हमने इसके लिए अलग से टीम बनाई जिसने विशेष तौर पर भारत के चुनाव पर ध्यान दिया। और स्थानीय स्तर पर केंद्रित टीम बनाना फेसबुक के लिए अलग बात है। आपका मतलब वॉर रूम से है जैसा कि आपने अमेरिका और ब्राजील के लिए बनाया था? ब्राजील और अमेरिका के चुनावों के लिए हमारा परिचालन केंद्र कैलिफॉर्निया में स्थित था। इसने अच्छे तरीके से अपना काम किया। हम इस साल होने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर डबलिन और सिंगापुर में कुल दो परिचालन केंद्र शुरू करने जा रहे हैं। ये केंद्र मेनलो पार्क स्थिति केंद्र के साथ तालमेल कर काम करेंगे। सिंगापुर स्थित केंद्र मुख्य तौर पर भारतीय चुनावों पर केंद्रित होगा। हम सिंगापुर कार्यालय में डेटा वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, उत्पाद प्रबंधकों, परिचालन विशेषज्ञों, नीति विशेषज्ञों को एक साथ ला रहे हैं और यहां हम दिल्ली के कार्यालय में अपने साथियों के साथ मिलकर काम करेंगे जो सामने आने वाले मुद्दों पर त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए उपलब्ध होंगे। यहां हम भारत में विभिन्न संस्थागत साझेदारों के साथ मिलकर व्यापक स्तर पर भी काम करेंगे। संयुक्त रूप से इन सभी प्रयासों को कितने लोग देख रहे हैं? फेसबुक पर यह एक बड़ा प्रयास है। इसे शीर्ष प्राथमिकता के रूप में लिया गया है। यदि आप भारत में पूरे प्रयासों पर काम कर रहे लोगों को जोड़ लें तो यह संख्या 1,000 से अधिक होगी। अलग भाषाओं की समस्या से आप कैसे निपट रहे हैं? यह कर्मचारी के स्तर पर संभव है? यह एक कठिन चुनौती है लेकिन हम इससे दो तरह से निपट रहे हैं। पहला हमने अपनी टीम का विस्तार किया है जो अलग-अलग भाषाओं पर पकड़ रखते हैं। यह केवल धाराप्रवाह भाषा का ही मामला नहीं है बल्कि यहां के सांस्कृतिक संदर्भ भी महत्त्व रखते हैं। इससे अच्छी सामग्री वाली संयमित निर्णय लेने में सहायता मिलती है। प्रौद्योगिकी और उत्पाद के मोर्चे पर हम वर्गीकरण करने वालों के दायरे में विस्तार कर रहे हैं जिससे पहले से अधिक भाषाओं को शामिल करने में मदद मिलती है।

Check Also

Basic Home Loans raises $10.6M in Series B funding led by Bertelsmann India Investments

बेसिक होम लोन ने बर्टेल्समैन इंडिया इन्वेस्टमेन्ट्स के नेतृत्व में सीरीज़ बी फंडिंग में 10.6 मिलियन डॉलर की राशि जुटाई

इस नई धनराशि का उपयोग बाज़ार में कंपनी की पहुंच बढ़ाने, ऋण पोर्टफोलियो के विस्तार …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *