खुदरा निवेशकों के लिए सरकारी प्रतिभूतियों (जीसेक)को खरीद पाना अब किसी शेयर में निवेश करने जैसा आसान हो गया है। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज और बंबई स्टॉक एक्सचेंज ने सरकारी प्रतिभूतियों की ऑनलाइन खरीद सुविधा देने के लिए ई-जीसेक प्लेटफॉर्म शुरू किए हैं। इन प्लेटफॉर्म के जरिये खरीदी गई प्रतिभूतियों को खुदरा निवेशक अपने डीमैट खातों में सुरक्षित रख सकते हैं। निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक की नीलामी में शामिल होकर सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद कर सकते हैं। हालांकि वे इस नीलामी में एक्सचेंजों के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए ही शिरकत कर सकते हैं। जेरोधा के मुख्य परिचालन अधिकारी वेणु माधव कहते हैं, ‘रिजर्व बैंक नीलामी के लिए रखी गई प्रतिभूतियों का पांच फीसदी हिस्सा गैर-प्रतिस्पद्र्धी नीलामी के लिए आरक्षित रखता है। छोटे निवेशकों को ये प्रतिभूतियां एक निर्धारित कीमत पर दी जाती हैं।’ यहां तक कि महज 10 हजार रुपये जैसी राशि से भी एक सरकारी बॉन्ड खरीदा जा सकता है।
ऑनलाइन खरीदिए भारत सरकार के बॉन्ड
छोटे निवेशकों को भी प्रतिभूति नीलामी में शामिल होने का मौका मिलने से वे सावधि जमा (एफडी) की तुलना में थोड़ा अधिक रिटर्न कमा सकते हैं। भारतीय स्टेट बैंक 10 वर्ष की एफडी पर 6.75 फीसदी ब्याज दे रहा है जबकि 10 साल की अवधि वाली सरकारी प्रतिभूति 7.7-7.8 फीसदी ब्याज दे रही है। ई-जीसेक प्लेटफॉर्म न केवल लंबी अवधि के बॉन्ड मुहैया करा रहे हैं बल्कि वहां पर 91 दिन, 182 दिन और 364 दिन की परिपक्वता अवधि वाले ट्रेजरी बिल भी खरीदे जा सकते हैं। अभी तक एक निवेशक अगर सरकारी प्रतिभूतियां खरीदना चाहता था तो उसके लिए सबसे आसान विकल्प गिल्ट फंड होते थे। हालांकि ये फंड काफी उठापटक वाले होते हैं। ब्याज दरों में गिरावट के समय गिल्ट फंड दोहरे अंकों में रिटर्न देते हैं लेकिन ब्याज दर चढऩे पर उनका रिटर्न नकारात्मक हो जाता है। अरविंद राव ऐंड एसोसिएट्स के संस्थापक अरविंद राव कहते हैं, ‘निवेशकों को गिल्ट फंडों में निवेश करने और उन्हें निकालने के लिए समय चाहिए होता है और यह काम पेशेवर मदद से ही किया जाना चाहिए। गिल्ट फंड आम निवेशकों के लिए उपलब्ध उत्पाद नहीं होते हैं।’