नई दिल्ली. सोने के प्रति भारतीयों का लगाव जगजाहिर है। वर्ष 2018 में देश में 759 टन सोने का आयात किया गया। हाउसहोल्ड सर्वे ऑन इंडियाज सिटीजन एन्वायरन्मेंट ऐंड कंज्यूमर इकॉनमी (आइस 360 डिग्री सर्वे) में पता चला था कि 87 प्रतिशत भारतीय परिवारों के पास सोना मौजूद है। देश के कमोबेश हरेक शहर में सेंधमारी और चेन झपटमारी जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। उन्हें देखते हुए सोने की सुरक्षा करना बहुत जरूरी और जिम्मेदारी भरा कदम हो गया है। पिछले कुछ समय में बैंक लॉकर लूटे जाने के कई मामले भी सामने आए हैं। पिछले वर्ष अप्रैल में इलाहाबाद में यूको बैंक की एक शाखा फरवरी में कानपुर में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा और नवंबर 2019 में नवी मुंबई में बैंक ऑफ बड़ौदा की एक शाखा में हुई लूट इनमें शामिल है। इससे भी बड़ी दिक्कत यह है कि ऐसी घटनाओं के कारण हुए नुकसान की भरपाई का दावा भी ग्राहक अपने बैंक से नहीं कर सकते क्योंकि बैंकों को इसके लिए जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता। इन सभी बातों को ध्यान में रखें तो आभूषण बीमा खरीदना बहुत जरूरी हो जाता है। फिलहाल आभूषणों के लिए तीन तरह की बीमा योजनाएं मौजूद हैं। पहली होम इंश्योरेंस पॉलिसी है जिसमें घर के सभी सामान को बीमा दिया जाता है और उसमें जेवरात भी शामिल होते हैं। पॉलिसीएक्स डॉट कॉम की महा प्रबंधक भावना शर्मा का कहना है इस तरह के बीमा कवर के साथ एक समस्या यह है कि इसमें ज्वैलरी को कवर करने के लिए एक सब-लिमिट (सामान्य तौर पर करीब 25 प्रतिशत) तय की गई है। इसका सीधा सा मतलब है कि यदि आप घरेलू सामान के लिए 5 लाख रुपये का बीमा लेते हैं तो उसमें 1.25 लाख रुपये कीमत के आभूषणों को ही बीमा कवर दिया जाएगा। दूसरे प्रकार का बीमा स्टैंडअलोन ज्वैलरी पॉलिसी है। बैंकबाजार में मुख्य कारोबार विकास अधिकारी नवीन चंदानी कहते हैं अगर आपको लगता है कि होम प्रोटेक्शन बीमा के तहत आपको आभूषणों के लिए मिला बीमा आपकी जरूरत केलिहाज से नाकाफी है तो स्टैंडअलोन ज्वैलरी बीमा जरूर लीजिए। इसमें कवर की राशि पर किसी तरह की बंदिश नहीं है। अगर आप ये दोनों पॉलिसी ले लेते हैं तो आपके सभी जेवरात सुरक्षित हो जाएंगे चाहे वे घर पर रखे हों, लॉकर में हों या एक जगह से दूसरी जगह ले जाए जा रहे हों। तीसरे प्रकार का बीमा बैंक लॉकर प्रोटेक्टर कवर है जिसे इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस ने पिछले दिनों ही पेश किया है। इस पॉलिसी का एक बड़ा लाभ यह है कि आप अपने आभूषणों और कीमती वस्तुओं के साथ लॉकर में रखे जरूरी दस्तावेजों को भी बीमा कवर में शामिल कर सकते हैं। इफको टोकियो जनरल इश्योरेंस में कार्यकारी उपाध्यक्ष (अंडरराइटिंग) सुब्रत मंडल कहते हैं बीमा की रकम यानी सम इंश्योर्ड पॉलिसीधारक द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित होगी। अगर किसी एक सामान कीमत 10 लाख रुपये से ज्यादा होती है और बीमा की कुल रकम 40 लाख रुपये को पार कर जाती है तो ग्राहक को सरकार-स्वीकृत मूल्यांकनकर्ता से मूल्यांकन रिपोर्ट लेनी पड़ती है। इस पॉलिसी के लिए प्रीमियम अपेक्षाकृत कम है। मंडल का कहना है इस पॉलिसी के साथ ग्राहक बड़ी बीमा रकम भी चुन सकते हैं। मगर इस पॉलिसी के साथ कुछ बंदिशें भी हैं। चंदानी बताते हैं यह पॉलिसी सिर्फ बैंक लॉकरों में जमा आभूषणों को ही बीमा कवर देती है। इसमें यह याद रखना जरूरी है कि अगर बीमा का दावा किया जाता है तो बीमा कंपननी बैंक द्वारा दाखिल की गई प्राथमिकी एफआईआर पर ही भरोसा करेगी अपने बीमा ग्राहक की बात पर नहीं। अपनी जरूरत के हिसाब से सही बीमा कवर चुनें। चंदानी की इस बारे में राय है यदि आप केवल इतना चाहते हैं कि बैंक लॉकर में रखे गए आपके गहने सुरक्षित रहें तो बैंक लॉकर कवर ही आपके लिए सबसे उपयुक्त होगा। मगर आप अपने सभी महंगे गहनों के लिए बीमा कवर चाहते हैं तो स्टैंडअलोन कवर खरीदना ज्यादा कारगर रहेगा। अगर आपके पास मौजूद समूचे कीमती सामान का एक छोटा हिस्सा गहनों के रूप में है तो होम कंटेंट बीमा लेना ठीक रहेगा।
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