चीनी की कम कीमतों के कारण मिलों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चीनी के कम दाम से क्रशिंग करना कठिन हो गया है। अगले सीजन में गन्ने की कीमतों को लेकर सफाई नहीं आई है। इसपर उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखकर अगले सीजन में क्रशिंग ना करने की एक तरह से धमकी दी है। मिलों ने सरकार से फील्ड सर्वे और दूसरी गतिविधियों में भाग ना लेने की भी जानकारी दी है। इस पर इस्मा के डायरेक्टर जनरल अविनाश वर्मा ने कहा कि सरकार को एफआरपी की व्यवस्था बंद करनी चाहिए। अगले साल कई मिलों को वर्किंग कैपिटल नहीं मिलेगा। मिलों को नुकसान में भी चीनी एक्सपोर्ट करना होगा।
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