नई दिल्ली. भाष्करण न आईआईसी में इंतजार कर रहे बुजुर्गों से कहा यात्रा कठिन थी लेकिन मैंने इस सफलतापूर्वक पूरा किया। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग होने का मतलब अपने सपनों को छोड़ देना नहीं है। इसका मतलब है कि हमें इसे पूरा करने के लिए थोड़ा और तैयार होने की जरूरत है। दक्षिणी दिल्ली के शेख सराय इलाके में रहने वाले भाष्करण ने अपनी पत्नी के साथ चेन्नई से यात्रा शुरू की। उनके साथ एक सपॉर्ट वीइकल और एक ऐंबुलेंस भी थी। भाष्करण ने बताया कि उन्होंने हर दिन 60-70 किलोमीटर साइकिल चलाई। जो कि अमूमन सुबह 6:30 बजे से शुरू होकर दिन में 11:30 बजे समाप्त हुई। उन्होंने आगे कहा जब भी हम किसी बस्ती से गुजरे लोग हमसे जुड़े और हमारी प्रशंसा की। कुछ साइकिलिंग रुप भी एक वक्त पर हमे प्रोत्साहित करने के लिए हमारे साथ आए। अपनी 57 दिनों की यात्रा में भाष्करण तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणा होते हुए दिल्ली पहुंचे।
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