तिरुवनंतपुरम: केरल की 9 वर्षीय दिवि बिजेश ने ग्रीस के रोड्स शहर में आयोजित प्रतिष्ठित FIDE वर्ल्ड कैडेट एंड यूथ रैपिड एंड ब्लिट्ज चेस चैंपियनशिप में भारत का परचम लहराया है। अंडर-10 गर्ल्स कैटेगरी में हिस्सा लेते हुए दिवि ने रैपिड वर्ग में 11 में से 10 पॉइंट्स स्कोर कर गोल्ड मेडल जीता — जो इस टूर्नामेंट में भारत को मिला इकलौता स्वर्ण पदक है। इसके अलावा उन्होंने ब्लिट्ज वर्ग में सिल्वर मेडल भी अपने नाम किया।
तिरुवनंतपुरम की रहने वाली दिवि ने शतरंज की शुरुआत महज 7 साल की उम्र में अपने बड़े भाई देवनाथ से सीखकर की थी। वर्तमान में वह काझाकूट्टम स्थित एलेन फेल्डमैन पब्लिक स्कूल में पढ़ती हैं और मास्टर चेस अकादमी में कोच श्रीजीत के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रही हैं।
अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए दिवि ने 9 स्वर्ण, 5 रजत और 3 कांस्य पदक जीते हैं और 60 से अधिक टाइटल अपने नाम किए हैं। उनका अगला लक्ष्य जॉर्जिया में होने वाले आगामी वर्ल्ड कप में हिस्सा लेना है।
इस वर्ष की शुरुआत में दिवि को FIDE द्वारा “वुमन कैंडिडेट मास्टर (WCM)” की उपाधि से सम्मानित किया गया — वह यह सम्मान प्राप्त करने वाली केरल की सबसे कम उम्र की लड़की बन गई हैं।
दिवि, बीजेश और प्रभा की बेटी हैं। उनकी यह शानदार उपलब्धि न केवल उनके असाधारण कौशल को दर्शाती है, बल्कि भारतीय — विशेषकर केरल के युवाओं — की अंतरराष्ट्रीय शतरंज में बढ़ती मौजूदगी को भी रेखांकित करती है।