तिरुवनंतपुरम: एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड (HLL Lifecare Limited), जो कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन एक केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम है, ने अपने डायमंड जुबली वर्ष (60वें वर्ष) की शुरुआत कर दी है। इस वर्षभर चलने वाले समारोह की शुरुआत कंपनी के वार्षिक फैक्टरी डे के अवसर पर की गई, जिसका उद्घाटन एचएलएल की सी एंड एमडी (कार्यभार) डॉ. अनीता थंपी ने पेरूरकाडा फैक्टरी परिसर में किया।
अपने संबोधन में डॉ. अनीता थंपी ने कहा कि यह एचएलएल के लिए गर्व का क्षण है कि यह सार्वजनिक उपक्रम अपने 60वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। डायमंड जुबली वर्ष के हिस्से के रूप में एचएलएल अब स्वास्थ्य सेवा के सम्पूर्ण क्षेत्र में—फूड और न्यूट्रिशन, मानसिक स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा—में विस्तार करने की योजना बना रहा है।
इस अवसर पर एचएलएल देशभर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों के नेतृत्व में संगोष्ठियों का आयोजन करेगा और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े आउटरीच प्रोग्राम्स सालभर चलाएगा। एचएलएल ने कोविड-19 महामारी जैसी आपात स्थितियों में देश के लिए एक महत्वपूर्ण सहायक की भूमिका निभाई है।
एचएलएल की स्थापना 1 मार्च 1966 को हुई थी, और पेरूरकाडा फैक्टरी ने 5 अप्रैल 1969 से संचालन शुरू किया था। कंपनी ने कंडोम निर्माण से शुरुआत की थी और अब लगभग 70 उत्पादों का विपणन करती है। आज इसके कार्य क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, डायग्नोस्टिक्स, प्रोक्योरमेंट कंसल्टेंसी, हॉस्पिटल कंस्ट्रक्शन, फार्मास्युटिकल्स और रिसर्च एंड डेवलपमेंट शामिल हैं।
एचएलएल की कुछ प्रमुख पहलों में ‘हिंदलैब्स’ शामिल है जो किफायती डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान करता है, ‘एमआरआईटी फार्मेसी’ जो दवाएं, इम्प्लांट्स और जीवन रक्षक उपकरण मुहैया कराता है, और ‘एचएलएल ऑप्टिकल्स’ शामिल हैं। साथ ही कंपनी कचरा प्रबंधन और मेंस्ट्रुअल हाइजीन से जुड़े कई कार्यक्रम भी चला रही है।
एचएलएल के पास देशभर में 8 अत्याधुनिक फैक्ट्रियां और 22 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। कंपनी 2 लाख से अधिक रिटेल आउटलेट्स का संचालन करती है और इसके पांच सहायक उपक्रम भी हैं। एचएलएल के उत्पाद 80 से अधिक देशों में निर्यात किए जाते हैं।
फैक्टरी डे के उपलक्ष्य में ध्वजारोहण समारोह हुआ और कर्मचारियों के लिए बनाए गए एक नए वॉकवे का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर निदेशक (मार्केटिंग) एन. अजीत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष (टी एंड ओ) एवं जीबीबीडीडी (प्रभारी) वी. कुट्टप्पन पिल्लै, पेरूरकाडा यूनिट चीफ एल. जी. स्मिता और सीनियर एचआर हेड रमेश मोहन भी मौजूद रहे।