एक साल में की 25 हजार पदों पर भर्तियां, 26 हजार पदों पर प्रक्रियाधीन पूर्ववर्ती सरकार के पूरे पांच साल में हुई केवल 27 हजार भर्तियां -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर (Medical and Health Minister Gajendra Singh Khinvsar) ने कहा कि प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राज्य सरकार ने कार्यकाल के प्रथम वर्ष में ही चिकित्सा विभाग में करीब 25 हजार पदों पर भर्तियां की हैं और 26 हजार 501 पदों पर भर्तियां प्रक्रियाधीन हैं, जो इसी वर्ष पूरी होना संभावित हैं। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने पूरे पांच साल में चिकित्सा विभाग में मात्र 27 हजार 490 भर्तियां की थीं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गुरूवार को विधान सभा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की (मांग संख्या-27) एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की (मांग संख्या-28) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की 133 अरब 28 करोड़ 96 लाख 25 हजार रूपए एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की 61 अरब 31 करोड़ 82 लाख 57 हजार रूपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।
बिना भेदभाव पोर्टल से किया नए कार्मिकों का पदस्थापन
खींवसर ने कहा कि चिकित्सा विभाग में हुई भर्तियों में चयनित कार्मिकों का पूरी पारदर्शिता के साथ पोर्टल के माध्यम से पदस्थापन किया जा रहा है। इससे रेड जोन, ट्राइबल एरिया एवं सीमावर्ती जिलों में लंबे समय से रिक्त पद भरे हैं। इससे आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। प्रक्रियाधीन भर्तियां पूरी होने पर शेष रिक्त पदों को भी जल्द भर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम बिना किसी भेदभाव के हर क्षेत्र में स्वास्थ्यकर्मियों के पद भरेंगे।
वर्तमान सरकार के पहले बजट में स्वास्थ्य के लिए 8.26 प्रतिशत बजट
पूर्ववर्ती सरकार के अंतिम बजट में केवल 4.73 प्रतिशत बजट प्रावधान
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र के प्रति कितनी संवेदनशील है, इसका अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 27 हजार 660 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया, जो कुल बजट का 8.26 प्रतिशत था और अब तक का स्वास्थ्य के क्षेत्र में सर्वाधिक बजट प्रावधान था। पूर्ववर्ती सरकार के अंतिम बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में 22 हजार 572 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया, जो कुल बजट का मात्र 4.73 प्रतिशत था। वर्ष 2025-26 के लिए राज्य सरकार ने 28 हजार 865 करोड़ का बजट प्रावधान किया है।
129 एफआरयू किए क्रियाशील
खींवसर ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय प्रदेश में स्थापित 160 एफआरयू में से केवल 87 ही क्रियाशील थे, हमारी सरकार ने इनमें पीडियाट्रिशियन, एनेस्थेशियन एवं गायनेकोलॉजिस्ट के पद भरते हुए 129 को क्रियाशील कर दिया है। इसी प्रकार ट्रोमा सेंटर में भी आवश्यक मानव संसाधन उपलब्ध करवाकर उन्हें क्रियाशील किया जा रहा है।
मा योजना में पैकेज और बजट दोनों बढ़ाया
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय चिरंजीवी योजना में 25 लाख तक का उपचार उपलब्ध करवाने का खूब प्रचार किया गया, लेकिन केवल 2 लोगों को ही अधिकतम 13 लाख रूपए तक का उपचार मिल सका। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय 2023 में इस योजना का बजट 2200 करोड़ रूपए था, जो वर्ष 2024 में बढ़ाकर 3300 करोड़ कर दिया गया और इस वर्ष के बजट में 3500 करोड़ का मा कोष गठित किया गया है। उन्होंने बताया कि चिरंजीवी योजना में 1806 पैकेज थे, जबकि मा योजना में 2370 पैकेज हैं। बडे़ अस्पतालों की 70 प्रतिशत आय मा योजना से हो रही है।
इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी जल्द
खींवसर ने कहा कि मा योजना में आगामी दो माह में इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद दूसरे राज्यों के नागरिक भी यहां आकर उपचार ले सकेंगे। इसी प्रकार आगामी 6 माह में राजस्थान के नागरिक दूसरे राज्यों में जाकर मा योजना के तहत उपचार ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि मा योजना में प्रतिदिन औसतन 8200 रोगियों 9.42 करोड़ की राशि का उपचार मिल रहा है।
11 हजार 655 स्वास्थ्य केंद्र आयुष्मान आरोग्य मंदिर बने
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि गांव-ढाणी तक उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार ने 11 हजार 655 स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में विकसित किया है। इनमें सीएचओ, एएनएम एवं आशा वर्कर के माध्यम से 12 प्रकार की चिकित्सा सेवाएं मिल रही हैं। उन्होंने बताया कि यहां टेलीमेडिसिन की सुविधा भी आमजन के लिए उपलब्ध होगी तथा योगा एवं वैलनेस गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं।
पूर्ववर्ती सरकार ने मात्र 15 जनता क्लिनिक खोलीं
खींवसर ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय शहरी क्षेत्रों में मात्र 15 जनता क्लिनिक खोली गईं, जो दानदाताओं एवं सीएसआर के फण्ड से संचालित हो रही थीं। केंद्र सरकार ने शहरी स्वास्थ्य कल्याण केंद्र-जनता क्लिनिक का बाद में इनका नाम परिवर्तित कर शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर कर दिया। अब प्रदेश में 357 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित किए जा रहे हैं। इनमें प्रतिमाह 7 लाख रूपए तक का बजट उपलब्ध करवाया जा रहा है।
1100 करोड़ से आयुष्मान टॉवर का निर्माण
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार सवाई मानसिंह अस्पताल परिसर में आयुष्मान टॉवर की नींव रख गई थी। वर्तमान सरकार 1100 करोड़ रूपए की लागत से इसका निर्माण पूरा करवा रही है। इसमें 1243 बैड, 20 ऑपरेशन थियेटर, 100 ओपीडी काउंटर, 4 कैथलेब एवं हैलीपेड सहित अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही, यहां चिकित्सा शहीद स्मारक भी बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि एसएमएस परिसर में निर्माणाधीन कार्डियक टॉवर का सिविल वर्क पूरा हो चुका है। जल्द ही इसका फिनिशिंग वर्क पूरा कर इसे चालू किया जाएगा।
आरयूएचएस के लिए 700 करोड़
खींवसर ने कहा कि सवाई मानसिंह अस्पताल के मरीज भार को कम करने तथा चिकित्सा सेवाओं का विस्तार करने की दृष्टि से आरयूएचएस अस्पताल को एम्स की तर्ज पर रिम्स के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इसके लिए विगत एवं इस वित्तीय वर्ष को मिलाकर 700 करोड़ का बजट प्रावधान किया है। यहां चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान एवं उपचार की सुविधाएं मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि आरयूएचएस अस्पताल में गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी, कार्डियक एवं नेफ्रोलॉजी की विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध हैं, जल्द ही यहां अन्य विशेषज्ञ सेवाएं भी उपलब्ध होंगी।
नए मेडिकल कॉलेजों के लिए 16 हजार 276 करोड़ के निवेश प्रस्ताव
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में राइजिंग राजस्थान के तहत नए मेडिकल कॉलेजों के लिए 16 हजार 276 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनके क्रियान्वयन से प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1778 एम्बुलेंस वाहन संचालित हैं। हमारा प्रयास है कि नए एम्बुलेंस वाहन अधिक दुर्घटना वाले क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाए जाएं।
मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना का बजट बढ़ाया
खींवसर ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर रामाश्रय वार्ड स्थापित किए गए। इनके माध्यम से करीब 20 हजार बुजुर्गों को फिजियोथैरेपी की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना में पूर्ववर्ती सरकार के समय वर्ष 2023-24 में बजट प्रावधान 1668 करोड़ रूपए था, जबकि वर्तमान सरकार ने वर्ष 2024-25 में इसे बढ़ाकर 2111 करोड़ रूपए कर दिया। इस योजना से 16 करोड़ 51 लाख से अधिक लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं।