स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय का 21वाँ दीक्षांत समारोह आयोजित
जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय किसानों तक शोध, अनुसंधान का लाभ पहुंचाने की कड़ी के रूप में काम करें। उन्होंने कहा कि पानी की बचत ही इसका उत्पादन है। इसलिए सभी पानी की बचत में सहयोग करें। राज्यपाल बागडे सोमवार को बीकानेर जिले में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि देश की आजादी के समय हमारे देश की जनसंख्या और उत्पादन कम था। आज जनसंख्या बढ़ी है और उत्पादन बढ़ा है, लेकिन अब जमीन और पानी सीमित है। इसके मद्देनजर अब इनके समुचित उपयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजस्थान जैसे प्रदेश में पानी की बहुत कमी है। ऐसे में पानी को रोकना बहुत जरूरी है। इससे भूजल स्तर सुधरेगा और भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी।
राज्यपाल ने कहा कि कृषि और पशुपालन हमारी आजीविका का आधार रहा है। खेती और पशुपालन का विकास ही राष्ट्र के विकास की धुरी है। राज्यपाल ने कहा कि ‘हर खेत को पानी, हर हाथ को काम’ की अवधारणा को साकार करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय कृषि की नई तकनीकें इजाद करें और किसानों तक इन्हें पहुंचाएं।
कुलपति डॉ अरुण कुमार ने स्वागत उद्बोधन दिया। दीक्षांत अतिथि डॉ मंगला राय ने कहा कि वैश्विक जनसंख्या की बढ़ती आहार आवश्यकता, घटती खेती योग्य जमीन, उर्वरा शक्ति का क्षरण, पानी की कमी, कृषि लागतों में बढ़ोतरी जैसे विषय भविष्य की गंभीर चुनौतियां होंगी।
समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्वारा कृषि संकाय, सामुदायिक विज्ञान संकाय और आईएबीएम के कुल 1480 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। उन्होंने डॉ. मंगला राय को कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ साइंस (कृषि) की मानद उपाधि प्रदान की। राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न विषयों पर आधारित 9 प्रकाशनों का विमोचन किया गया। उन्होंने स्व. रामनारायण चौधरी कृषि महाविद्यालय, मंडावा के भवन और छात्रावास भवन का किया लोकार्पण भी किया।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में प्रारम्भ किए गए ‘आपणो कृषि बाजार’ का लोकार्पण भी किया। उन्होंने किसानों से संवाद करते हुए कहा कि अपने उत्पादों के विपणन के लिए भी सजग रहें। उन्होंने फसलों के साथ खाद्य प्रसंस्करण और डेयरी उत्पादों के बाजार की दृष्टि से आपनो बाजार को महती बताया।