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मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल, अहमदाबाद ने पश्चिमी भारत में रोबोट की मदद से अपनी तरह की पहली ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी करके इतिहास रच दिया

ब्रेस्ट कैंसर दुनिया की सबसे ख़तरनाक बीमारियों में से एक है और हर साल इससे पीड़ित महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, उपचार के तरीकों में लगातार हो रही प्रगति के साथ, अब ब्रेस्ट कैंसर का इलाज रोबोट के ज़रिये किया जाता है जिससे ज़्यादा-से-ज़्यादा मरीजों की जान बचाने में मदद मिलती है

अहमदाबाद. मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल अहमदाबाद (Maringo CIMS Hospital Ahmedabad) ने रोबोट की मदद से अपनी तरह की पहली ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा करके शहर में चिकित्सीय उत्कृष्टता के क्षेत्र में शानदार मिसाल कायम की है, और इस सर्जरी के लिए एसएसआई मंत्रा नामक रोबोटिक सिस्टम का उपयोग किया गया है। सर्जरी की इस तकनीक में बेहद कम चीर-फाड़ की जरूरत होती है, जिसमें बहुत छोटे आकार के एक चीरे के माध्यम से रोबोट का उपयोग करके ब्रेस्ट को निकाला जाता है और उसे ठीक किया जाता है। यह पश्चिमी भारत में की गई अपनी तरह की पहली सर्जरी है। डॉ. अनघा ज़ोपे – सीनियर कंसल्टेंट, ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी, मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल, की अगुवाई में यह सर्जरी की गई।

अत्याधुनिक तकनीक वाले रोबोटिक आर्म के साथ ये रोबोट बेहद जटिल ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी में डॉक्टर की मदद करते हैं, जो इंसानों के हाथों की तुलना में इस काम को ज़्यादा बारीकी के साथ पूरा करते हैं। इससे आस-पास के टिश्यू को नुकसान होने का जोखिम कम हो जाता है, साथ ही यह रीकंस्ट्रक्शन के साथ रोबोट की सहायता से मास्टेक्टोमी जैसी न्यूनतम चीर-फाड़ वाली सर्जरी की तकनीक को संभव बना देता है। इन प्रक्रियाओं में बहुत छोटे चीरे लगाए जाते हैं, दर्द कम होता है, मरीज को ठीक होने में काफी कम समय लगता है तथा सर्जरी के निशान भी बेहद मामूली होते हैं, और कई बार अतिरिक्त प्रक्रियाओं से भी बचा जा सकता है।

अहमदाबाद के मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल की सीनियर ब्रेस्ट ऑन्कोप्लास्टिक सर्जन, डॉ. अनघा ज़ोपे कहती हैं, “स्तन कैंसर दुनिया के साथ-साथ भारत में सबसे ख़तरनाक बीमारियों में से एक है, जिससे युवा महिलाएं अधिक संख्या में पीड़ित हो रही हैं। उपचार के तरीकों में प्रगति और स्तन कैंसर के उपचार के लिए पर्सनलाइज्ड, मल्टी-डिसिप्लिनरी तकनीक के उपयोग के साथ, अब हम मरीजों को यह लड़ाई जीतने में मदद कर सकते हैं। अब मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल में शुरुआती चरण वाले स्तन कैंसर से पीड़ित और आनुवंशिक जोखिम वाली चुनिंदा महिलाओं को रोबोट की सहायता से तत्काल रीकंस्ट्रक्शन के साथ निप्पल-स्पेयरिंग मास्टेक्टॉमी की पेशकश की जा सकती है। यह प्रक्रिया कैंसर नियंत्रण या इसके दोबारा होने जोखिम से समझौता किए बिना, सर्जिकल टीम को कॉस्मेटिक परिणामों को बेहतर बनाने की अनुमति देती है।”

डॉ. राजीव सिंघल, मैनेजिंग डायरेक्टर एवं ग्रुप सीईओ, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स कहते हैं, “मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में, हम ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हर मरीज को अत्याधुनिक, और साक्ष्य-आधारित उपचार की पेशकश करने के इरादे पर अटल हैं, जिससे हमें बेहतर परिणाम हासिल करने में मदद मिलती है। स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। लिहाजा, अब चिकित्सीय उत्कृष्टता और टेक्नोलॉजी में हुई प्रगति को एकजुट करने का समय आ गया है, ताकि हमारी महिला आबादी को कैंसर को नियंत्रित करने, दोबारा होने की संभावना को रोकने और उन्हें बेहतर जिंदगी देने पर केंद्रित उपचार उपलब्ध कराया जा सके। हम एसएसआई मंत्रा के उन्नत तकनीक के उपयोग से स्तन कैंसर के खिलाफ लड़ाई में महिलाओं को और अधिक सक्षम बना रहे हैं, जो हर उपचार को बिल्कुल सटीक और नियंत्रित बनाने के साथ-साथ मरीजों को एक नई उम्मीद देता है। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने अपने आदर्श वाक्य ‘मरीज सर्वोपरि’ के अनुरूप अपने सभी अस्पतालों में मल्टी-सर्जिकल रोबोट तैनात किए हैं, साथ ही बेहतर परिणामों के लिए अत्याधुनिक और उपचार में कई तरीकों से फायदेमंद समाधानों की पेशकश की है।””

इस मौके पर डॉ. विश्व श्रीवास्तव, अध्यक्ष, एसएसआई मंत्रा, कहते हैं, “अहमदाबाद के मैरिंगो सीआईएमएस की टीम ने मुझे काफी प्रभावित किया है, जिन्होंने हाल ही में इस तकनीक को अपनाकर यह दिखाया है कि ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी में उपचार कैसे किया जाता है। इससे यह बात जाहिर होती है कि, ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी एवं रीकंस्ट्रक्शन के लिए रोबोटिक तरीकों का उपयोग करके नवीनतम, और सबसे कम चीर-फाड़ वाले तरीकों से इलाज करने के लिए डॉ. अनघा ज़ोपे तथा उनकी टीम बेहद उत्साहित और प्रोफेशनल तरीके से काम करने के लिए प्रेरित है। डॉ. ज़ोपे और उनकी टीम ने इन प्रक्रियाओं के लिए भारत में बने हमारे SSI मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम को चुना, जिसके लिए मैं उनका शुक्रगुजार हूँ। मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमारा सिस्टम इस खास तरह की सर्जरी में इतना सकारात्मक योगदान दे सकता है। डॉ. ज़ोपे ने दिखाया कि सचमुच ऐसी सर्जरी में इसका उपयोग किया जा सकता है, जो स्तन कैंसर से पीड़ित कई महिलाओं के लिए सर्जरी का बेहतर और बेहद किफायती विकल्प बन सकता है। मैं अहमदाबाद में किए गए असाधारण कार्य के लिए इसमें शामिल सभी टीमों की तारीफ करता हूँ और उन्हें बधाई देना चाहता हूँ।”

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