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पश्चिमी राजस्थान में पर्यावरण संरक्षण में अदाणी फाउंडेशन की भूमिका अहम् 

जयपुर। अदाणी फाउंडेशन पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर जिलों मे पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के तहत जल संचयन को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में प्राचीन धरोहर और आस्था के केंद्र के रूप में तालाबों को जल संरक्षण परियोजना के तहत संवारने का जिम्मा उठाया है, और इस क्रम में लगातार अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।

पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के माध्यम से तालाबों का जीर्णोधार करवाने में तालाबों को गहरा करने और कैचमेंट एरिया को विकसित करने, तथा पानी के बहाव को तालाबों की तरफ लाने आदि जैसे कार्यों द्वारा तालाबों को फिर से जीवंत करने का काम निरंतर किया जा रहा है।

अदाणी ग्रीन एनर्जी जैसलमेर के हेड आलोक चतुर्वेदी और राजस्थान सीएसआर हेड गोपाल सिंह देवड़ा के मार्गदर्शन में पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण प्रक्रियाओं को निरंतर फलीभूत किया जा रहा है, जिसमें विगत वर्षों में लगभग जल भंडारण क्षमता 1 लाख 80 हजार क्यूबिक मीटर बढ़ाई गई है और निरंतर इस क्रम में वर्ष 2024-25 में लगभग 20 तालाबों के माध्यम से 2 लाख क्यूबिक मीटर जल भंडारण क्षमता बढ़ाई जाएगी, जिससे पश्चिमी राजस्थान के ग्रामीण लोगों और पशु धन में पीने योग्य पानी की व्यवस्था होगी और भूमिगत जल स्तर में भी बढ़ोतरी होगी।

अदाणी फाउंडेशन की जैसलमेर टीम के सीनियर पीओ एजाज फुलवाड़िया और पीओ दिनेश शर्मा द्वारा जीर्ण-क्षीण तालाबों का चयन कर ग्राम पंचायत और ग्रामीणों के सहयोग से तालाबों के जीर्णोद्धार में उचित कार्य करवाया जा रहा है।

इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों के माध्यम से सरकारी विद्यालयों में पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा, जिसके माध्यम से विद्यालयों को उचित संसाधन उपलब्ध करवाकर पौधे लगाए जाएँगे। इन पौधों को जीवित रख कर बड़े करना विद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी रहेगी और इन कार्यों से पर्यावरण संरक्षण में जल, जमीन और वन का विकास किया जा रहा है, क्योंकि वर्तमान मे क्लाइमेंट चेंज की अवस्थाओं को देख कर यही कहा जा सकता है कि हम और हमारा भविष्य तब ही संभव और सुरक्षित रहेगा, जब जल जंगल और जमीन सुरक्षित रहेंगे और इन्हें संरक्षित करने में अदाणी फाउंडेशन अपनी अहम् भूमिका निभा रहा है।

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