वित्त वर्ष 2024 में हासिल किए 1000 करोड़ रुपए से अधिक के ऑर्डर
मुंबई। गोदरेज एंड बॉयस की बिजनेस यूनिट गोदरेज इलेक्ट्रिकल्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स ने अपने पावर इंफ्रास्ट्रक्चर व्यवसाय के लिए वित्त वर्ष 2024 में 1000 करोड़ रुपए से अधिक के ऑर्डर प्राप्त करने की घोषणा की है। इन ऑर्डर में मुख्य रूप से भारत भर में एयर इंसुलेटेड स्विचगियर (एआईएस) और गैस इंसुलेटेड स्विचगियर (जीआईएस) सबस्टेशन शामिल हैं, जिनमें 765केवी क्षमता तक के कुछ प्रोजेक्ट शामिल हैं।
इनमें से प्रत्येक प्रोजेक्ट का मूल्य 100 करोड़ से 400 करोड़ रुपए के बीच है। पीआईआरई ने पावर ट्रांसमिशन, रेलवे और सोलर प्रोजेक्ट्स के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जो सरकार के विकसित राष्ट्र के विजन के साथ मेल खाता है। ये परियोजनाएँ विकास और विस्तार की एक मजबूत गति को प्रदर्शित करती हैं और दिखाती हैं कि कैसे गोदरेज एंड बॉयस, देश की सस्टेनेबल एनर्जी संबंधी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
गोदरेज इलेक्ट्रिकल्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हैड राघवेंद्र मिर्जी ने कहा, ‘‘हमें हाल ही जो ऑर्डर मिले हैं, वे 400केवी से अधिक के क्षेत्र में हमारी मौजूदगी को और मजबूत बनाते हैं और उत्कृष्टता और राष्ट्र निर्माण के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को भी दर्शाते हैं। गुजरात के कच्छ जिले के खावदा गांव में निष्पादन के लिए हमारे पहले 765केवी जीआईएस ऑर्डर को सुरक्षित करना हमारे लिए एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो तकनीकी उन्नति की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए हमारे समर्पण का प्रतीक है। भारत ने सीओपी26 में 2030 तक 500जीडब्ल्यू गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा में बदलाव का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किया है, जो अक्षय ऊर्जा में दुनिया की सबसे बड़ी विस्तार योजनाओं में से एक है। वित्त वर्ष 24 में हासिल अक्षय ऊर्जा से संबंधित हमारे अधिकांश ऑर्डर न केवल हमारी लीडरशिप पोजीशन को रेखांकित करते हैं, बल्कि देश की प्रतिबद्धता के साथ भी तालमेल करते नजर आते हैं। इस तरह साथ मिलकर हम एक हरित और अधिक बेहतर भविष्य की दिशा में प्रतिबद्ध होकर कदम बढ़ाते हैं।’’
ये सबस्टेशन मौजूदा ग्रिड बुनियादी ढांचे की क्षमता को बढ़ाने, अक्षय ऊर्जा स्रोतों के निर्बाध एकीकरण और निकासी की सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ग्रिड नेटवर्क को मजबूत करके, गोदरेज एंड बॉयस उद्योगों और समुदायों के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए राष्ट्र के ऊर्जा लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देता है। चूंकि व्यवसाय गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक में अपना विस्तार कर रहा है, इसलिए भविष्य के अधिकांश ऑर्डर अक्षय ऊर्जा से ही जुड़े होने की उम्मीद है।