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रिलायंस जनरल इंश्योरेंस का राजस्थान के चुरू जिले में फसल हानि/स्वास्थ्य आकलन में क्रांतिकारी कदम, यूएवी-बेस्ड मोनिटरिंग का किया सफलतापूर्वक संचालन

नई दिल्ली। जनरल इंश्योरेंस क्षेत्र में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग में अग्रणी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (आरजीआईसीएल) ने राजस्थान के चुरू जिले में पहली बार यूएवी-बेस्ड मोनिटरिंग सर्वे सफलतापूर्वक आयोजित करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह पहल खरीफ 2023 सीज़न के लिए प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के परिपालन का हिस्सा है।

भारत सरकार ने पहले ही टेक्नोलॉजी का उपयोग कर उपज मूल्यांकन शुरू कर दिया है, जो कि खरीफ 2023 सीज़न से शुरू हो रहा है और कई राज्यों ने टेक्नोलॉजी पर आधारित बेस्ड उपज मूल्यांकन के लिए 30% वेटेज देने का विकल्प चुना है, शेष 70% अभी भी पारंपरिक तरीकों पर निर्भर है।

आरजीआईसीएल नई तकनीकों को लाने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है, उसने पहले से ही फसल बीमा कार्यान्वयन में अलग अलग टेक्नोलॉजी बेस्ड पहलों को लागू किया है, जैसे कि क्रॉप हेल्थ मोनिटरिंग मोबाइल ऐप, वेदर स्टेशन ऑडिट मोबाइल एप्लिकेशन इत्यादि।

*रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के सीईओ श्री राकेश जैन ने कहा,* “हमारा मानना है कि उन्नत प्रौद्योगिकी का लाभ हमारे ग्राहकों को अधिक कुशल और प्रभावी इंश्योरेंस सॉल्यूशन देने की कुंजी है। यह शानदार तकनीक न केवल किसानों को उनकी फसलों के बारे में जानकारी देने, बल्कि उन्हें सही निर्णय लेने में सक्षम बनाती है, बल्कि यह कृषि विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। यह भारत के कृषक समुदाय की प्रगति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।”

विकास के इस क्रम में, आरजीआईसीएल को खरीफ 2023 सीज़न से शुरू कर तीन साल की अवधि के लिए राजस्थान के सात जिलों में पीएमएफबीवाई के लिए क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में चुना गया। नई पीएमएफबीवाई योजना के विभिन्न निर्देशों का उद्देश्य रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी, यूएवी-बेस्ड मोनिटरिंग जैसे उन्नत तरीकों के माध्यम से फसल नुकसान के आकलन में सुधार करना है।

 

आरजीआईसीएल ने अत्याधुनिक मानव रहित विमानों (यूएवी) का उपयोग करके एक व्यापक फसल मोनिटरिंग सर्वे शुरू किया। 8 दिनों तक चलने वाला यह सर्वे चूरू जिले के चिन्हित स्थानों में 300 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को कवर कर चुका है।

आरजीआईसीएल को फसल हानि/स्वास्थ्य मूल्यांकन के इस इनोवेटिव अप्रोच को सफलतापूर्वक लागू करने में कृषि विभाग, राजस्थान सरकार और चुरू के जिला प्रशासन के अधिकारियों का भरपूर सहयोग और समर्थन प्राप्त हुआ है।

यह अग्रणी पहल क्षेत्र में क्रॉप मोनिटरिंग प्रैक्टिस में क्रांतिकारी बदलाव लाने और योजना में शामिल हितधारकों के लिए रियल टाइम सिचुएशनल अवेयरनेस को सुनिश्चित करने का वादा करती है।

*सर्वे के मुख्य अंशों में निम्न बिंदु शामिल हैं:*

1. हाई-रिज़ॉल्यूशन इमेजरी: फिक्स्ड-विंग और क्वाडरोटर यूएवी ने हाई-रिज़ॉल्यूशन वाली एरियल इमेजरी कैप्चर की, जो फसल स्वास्थ्य, मिट्टी की स्थिति और सिंचाई पैटर्न की पूरी जानकारी देती है।

2. डेटा एनालिटिक्स: एकत्रित डेटा को प्रोसेस करने, फसल की स्थिति और प्रगति के बारे में जानकारी लेने के लिए अत्याधुनिक डेटा एनालिटिक्स तकनीकों को लाया गया था है।

3. समय पर सिफारिशें: सर्वे के निष्कर्षों के आधार पर रियल टाइम पर फसल की स्थिति का आकलन आरजीआईसीएल और राजस्थान सरकार को फसल की स्थिति और प्रगति के बारे में सही निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा।

आरजीआईसीएल नवीनतम तकनीक के उपयोग के माध्यम से योजना के कुशल कार्यान्वयन में सुधार और सुव्यवस्थित करने के लिए समर्पित है चूरू जिले में यह प्रोजेक्ट फसल बीमा के क्षेत्र में इनोवेशन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

चूरू जिले में यूएवी-बेस्ड क्रॉप मोनिटरिंग सर्वे का सफल समापन आरजीआईसीएल के लिए मील का पत्थर है और भारत में कृषि को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

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