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आईआईएफएल फाउंडेशन और डायरेक्टर मधु जैन को राजस्थान सरकार द्वारा भामाशाह सम्मान से सम्मानित किया

नई दिल्ली। राजस्थान सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में ख़ास तौर पर बालिका साक्षरता के क्षेत्र में उनके बेहतरीन योगदान के लिए आईआईएफएल फाउंडेशन और उनकी डायरेक्टर श्रीमती मधु जैन को प्रतिष्ठित ‘भामाशाह सम्मान’ से सम्मानित किया है।

जैन शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्तीय साक्षरता, जल संरक्षण, आजीविका, गरीबी उन्मूलन और जलवायु कार्रवाई के क्षेत्रों में असरदार तरीके से सामाजिक हस्तक्षेप पर जोर देने के साथ – साथ आईआईएफएल समूह में सीएसआर के कार्यक्रमों का नेतृत्व भी करती हैं। श्रीमती मधु जैन और आईआईएफएल फाउंडेशन के सहयोग को संयुक्त राष्ट्र सहित कई भारतीय और वैश्विक प्राधिकरणों द्वारा मान्यता मिली है।

 

राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में श्रीमती जैन को सम्मानित किया।

आईआईएफएल फाउंडेशन की डायरेक्टर श्रीमती मधु जैन ने कहा, “उदयपुर और राजस्थान से जुड़ी होने के कारण भामाशाह सम्मान मेरे लिए बहुत मायने रखता है। आईआईएफएल फाउंडेशन राजस्थान में 100 प्रतिशत बालिका साक्षरता की दिशा में असरदार तरीके से काम करने के साथ – साथ स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन और जलवायु कार्रवाई के क्षेत्रों में भी कारगर रूप से काम करने के लिए समर्पित है।”

मधु जैन के नेतृत्व में,आईआईएफएल फाउंडेशन की विशेष शिक्षा परियोजना सखियों की बाड़ी ने 1,200 स्कूलों द्वारा 36,000 से भी ज़्यादा राजस्थान के दूरदराज के आदिवासी गांवों की स्कूल न जाने वाली लड़कियों तक शिक्षा को पहुंचाया है।

सखियों की बाड़ी के अलावा, आईआईएफएल फाउंडेशन के पास और भी कई शिक्षा-केंद्रित पहल है। आईआईएफएल फाउंडेशन के इनोवेटिव मॉडल ‘मां बारी’ प्रोजेक्ट ने 30 स्कूलों को आधुनिक बुनियादी ढांचे और सुविधाओं से लैस किया जिससे राजस्थान में स्वदेशी जनजातीय समुदायों से पहली बार सीखने वाले छात्रों के लिए शिक्षा को बढ़ावा मिल सके। उनके एक अन्य प्रोजेक्ट ‘संपर्क’ द्वारा आईआईएफएल फाउंडेशन का लक्ष्य राजस्थान के 5800 से भी ज़्यादा सरकारी स्कूलों के करीब 4 लाख से भी ज़्यादा छात्रों तक पहुंचना है ,जिससे उन्हें ज्यादा से ज़्यादा और बेहतर स्कूलों की सुविधा देकर उनकी अंग्रेजी भाषा और गणित के ज्ञान में सुधार किया जा सके।

आईआईएफएल फाउंडेशन का ‘डिजिटल शाला’ प्रोजेक्ट 5000 से भी ज़्यादा छात्रों को डिजिटल शिक्षाशास्त्र की सुविधा देता है। जिसके अंतर्गत कक्षा 6 से 10 तक की एवी शिक्षण सामग्री समझाने के लिए टीवी सेट लगाए गए हैं। इसके अलावाआ ईआईएफएल फाउंडेशन की सेसम सामुदायिक रेडियो पहल 2.5 लाख से ज़्यादा छात्रों तक पहुंचती है और उन्हें मूलभूत साक्षरता प्रदान करती है।

साथ ही आईआईएफएल फाउंडेशन कंस्ट्रक्शन साइट्स पर रहने वाले बच्चों के लिए ‘चौरास’ नाम का डेकेयर के साथ – साथ साक्षरता केंद्र भी चलाता है।

शिक्षा के अलावा, आईआईएफएल फाउंडेशन स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन और जलवायु कार्रवाई के क्षेत्रों में कारगर रूप से काम करने के लिए भी जानी जाता है। आईआईएफएल फाउंडेशन ड्रोन द्वारा दूर दराज के इलाकों में वैक्सीन भिजवाने वाले और कृषि ड्रोन की शुरूआत करने वाले सबसे पहले सीएसआर फाउंडेशनों में से एक है। इस फाउंडेशन की विभिन्न पहलों से करीब10 लाख से भी ज़्यादा लोगों को फायदा मिलता है।

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