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नवीन जिलों के गठन से होगा प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण आमजन को मिलेंगी सुविधाएं: मुख्यमंत्री

 7 अगस्त को आयोजित होगा नवगठित जिलों का स्थापना कार्यक्रम, रामलुभाया कमेटी की अनुशंसा पर हो सकेगा प्रदेश में और जिलों का गठन

जयपुर, 04 अगस्त। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में 3 नए संभाग और 19 नए जिलों के गठन से आमजन को सुविधा होगी, साथ ही, प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होने से प्रशासनिक व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। नए जिले बनने से प्रदेश का विकास अधिक तेज गति से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि नए जिलों के सम्बन्ध में पूर्व आईएएस अधिकारी श्री रामलुभाया की अध्यक्षता में गठित कमेटी का कार्यकाल 6 माह बढ़ाया गया था। इस कमेटी की अनुशंसा पर प्रदेश में और जिले भी गठित हो सकेंगे।

गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर मंत्रिमण्डल एवं मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में नवगठित जिलों के सीमांकन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया गया है। आगामी 7 अगस्त को प्रभारी मंत्रियों की उपस्थिति में इन जिलों का विधिवत रूप से स्थापना कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य की जनसंख्या एवं भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए नई प्रशासनिक इकाइयों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। जिलों का आकार बड़ा होने से जहां कलक्टर्स को प्रशासनिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है वहीं पुलिस अधिकारियों को भी कानून व्यवस्था बनाये रखने में परेशानी होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नये संभाग और जिलों के गठन का प्रदेशवासियों ने स्वागत किया है। जमीन सम्बन्धी और दीवानी मामलों के लिए दूर-दराज से आने वाले ग्रामीणों का समय भी नये जिलों का गठन होने से बचेगा। साथ ही, प्रशासनिक अधिकारियों को भी विकास और निवेश सम्बन्धित प्लानिंग में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि नवगठित जिलों में पहले ही विशेषाधिकारी लगाकर काम शुरू कर दिया गया था। राज्य सरकार ने नए जिलों के लिए 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण की है। जिलों का आकार जितना छोटा होगा उतनी ही प्रशासनिक क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने अन्य राज्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में 95 जिले 5 लाख से कम आबादी वाले हैं। पड़ौसी राज्य मध्य प्रदेश की जनसंख्या लगभग 7.70 करोड़ है, और वहां 53 जिले हैं। इसी प्रकार, छत्तीसगढ़ में 2.56 करोड़ की जनसंख्या पर 33 जिले हैं। उन्होंने कहा कि नये जिलों के लिए अधिकारियों की कमी नहीं आने दी जाएगी। नये जिलों का गठन होने के बाद इनमें विभिन्न पदों के लिए भर्तियां भी होंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी गवर्नेंस को आमजन द्वारा पसंद किया गया है। राज्य सभी क्षेत्रों में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। राज्य में बड़े स्तर पर सरकारी विद्यालय, पीएचसी, सीएचसी, पटवार सर्किल, उप तहसील, तहसील, उपखण्ड कार्यालय, अतिरिक्त जिला कलक्टर कार्यालय आदि खोले गए हैं। विगत साढ़े चार वर्ष में 1284 नए गांव बनाये गए हैं। साथ ही, 96 पटवार मंडल, 32 भू-अभिलेख निरीक्षक सर्किल, 125 उप तहसील, 85 तहसील, 35 उपखण्ड कार्यालय, 13 एडीएम कार्यालय एवं एक सहायक कलक्टर कार्यालय खोले गए है। वहीं, 1035 नये पटवार मंडल बनाने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, कॉंन्स्टियूशन क्लब, गांधी म्यूजियम, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज एंड गवर्नेंस एवं आईपीडी टॉवर के निर्माण जैसे कदमों ने विजन 2030 की रूपरेखा तैयार की है।

उल्लेखनीय है कि राज्य में 19 नये जिले अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर, जयपुर (ग्रामीण), केकड़ी, जोधपुर, जोधपुर (ग्रामीण), कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, नीम का थाना, फलौदी, सलूम्बर, सांचैर एवं शाहपुरा बनाये गए हैं। डीडवाना-कुचामन जिले में मिनी सचिवालय भवन तैयार होने तक जिला कलक्टर कार्यालय अस्थाई रूप से डीडवाना से संचालित किया जाएगा। वहीं, भिवाड़ी मुख्यालय पर वर्तमान में स्थापित जिला स्तरीय कार्यालय यथा-पुलिस अधीक्षक, जिला परिवहन अधिकारी, जिला उद्योग केन्द्र आदि यथावत कार्य करते रहेंगे। खैरथल-तिजारा में नवीन कार्यालयों की स्थापना होगी।

इस अवसर पर मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला, श्री शांति कुमार धारीवाल, श्री हेमाराम चैधरी, श्री गोविन्दराम मेघवाल, डॉ. महेश जोशी, श्री रामलाल जाट, श्री प्रताप सिंह खाचरियावास, श्री लालचन्द कटारिया, श्रीमती ममता भूपेश, श्रीमती शकुन्तला रावत, श्री शाले मोहम्मद, श्री उदयलाल आंजना, श्री रमेश मीणा, श्री भजनलाल जाटव, श्री मुरारीलाल मीणा, श्री बृजेन्द्र ओला, श्री भंवर सिंह भाटी, श्री सुखराम विश्नोई, श्रीमती जाहिदा खान एवं मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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