शनिवार, नवंबर 23 2024 | 09:22:41 AM
Breaking News
Home / रीजनल / मानव सेवा ही सच्ची साधना है: पद्मश्री मूलचंद लोढ़ा
Human service is the true practice: Padma Shri Moolchand Lodha

मानव सेवा ही सच्ची साधना है: पद्मश्री मूलचंद लोढ़ा

जयपुर। ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन (Grassroots Media Foundation) की ओर से आज प्रशस्ति कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें पद्मश्री मूलचंद लोढ़ा का सम्मान किया गया। जेएलएन मार्ग स्थित कलानेरी आर्ट गैलरी में हुए इस सम्मान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पद्मश्री मूलचंद लोढ़ा ने कहा कि, मानव सेवा ही सच्ची साधना है। डूंगरपुर के मझोला गांव में वर्ष 2000 में एक झोपड़े से छात्रावास शुरू किया जो बाद में बढ़कर 50 बच्चों के लिए घर बना। 2005 में उन्होंने एक विद्यालय भी प्रारंभ किया गया। इन कार्यों में समाज के भामाशाहों और जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग रहा। मूलचंद लोढ़ा ने सेवा कार्यों के अंतर्गत जैन गुरु आचार्य महाप्रज्ञ के नाम से नेत्र चिकित्सालय भी शुरू करवाया। श्री लोढ़ा का सेवा क्षेत्र वागदारी और उसके आसपास के 20 किलोमीटर इलाके में रहा।

कार्यक्रम के दौरान अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें समाज का भरोसा और सहयोग दोनों ही उन्हें प्राप्त हुए और ये भरोसा निरंतर सेवा से ही प्राप्त किया जा सकता है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता गजेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मूलचंद जी लोढ़ा काका जी के नाम से प्रसिद्ध है और स्वयं के लिए नहीं परमार्थ के लिए कार्य करने वाले व्यक्ति है। कार्यकर्ता का आत्मविश्वास बढ़ाना उसे प्रोत्साहित करना और दूसरों के कष्ट को सरलता से मालूम करना ही इनकी सहजता है। ये बिना किसी प्रचार के निस्वार्थ सेवा करने वाले कार्यकर्ता है। उनके इस तरह के सेवा कार्यों को देख कर लगता है कि ईश्वर उन्हीं के रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुआ है। सभी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कन्हैया लाल चतुर्वेदी ने कहा कि, प्रचारक का अर्थ बिना कुछ कहे कर्तव्य पथ पर जनसेवा के लिए चलते जाना है । मूलचंद जी लोढ़ा ने राजस्थान में सेवा भारती का कार्य खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन्होंने ही डूंगरपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में अद्भुत कार्य किया है। इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार गोपाल शर्मा ने पद्मश्री मूलचंद लोढ़ा का जीवन परिचय देते हुए कहा कि, पद्मश्री लोढ़ा का ऐसा व्यक्तित्व है जिन्होंने अपने जीवन के 50 वर्ष देश और समाज के लिए समर्पित कर दिए हैं। आज बांसवाड़ा और डूंगरपुर के क्षेत्र ने विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में जो बदलाव देखने को मिल रहा है यह उन्हीं की बदौलत है। कार्यक्रम के अंत में कलानेरी आर्ट गैलरी के विजय शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन के प्रमोद शर्मा ने प्रशस्ति कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि पद्मश्री लोढ़ा करुणा की मूर्ति है। इन्होंने एक झोपड़े से अपने कार्य को शुरू कर हजारों ग्रामीणों को लाभान्वित किया है।

Check Also

Eighth session of 15th Rajasthan Legislative Assembly from July 14, President will address

सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का जन-जन को मिले लाभ- जिला कलक्टर

साप्ताहिक समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिये निर्देश जयपुर। जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *