जयपुर। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सोमवार को जवाहर कला केंद्र में पर्यावरण संरक्षण पर भारतीय सेवा संस्थान के तत्वाधान में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में खमूराम विश्नोई, हिमता राम बांभू, कुसुम जैन, विशाल बैद जैसे विख्यात पर्यावरणविदों ने पर्यावरण संरक्षण पर मंथन कर पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
वर्षा जल के इष्टतम उपयोग व जल की उपयोग दक्षता
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और वाटर मैन ऑफ इंडिया डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा कि वर्षा जल के इष्टतम उपयोग व जल की उपयोग दक्षता को बढ़ा कर बेहतर तरीके से जल संरक्षण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों में अपशिष्ट प्रबंधन के लिए रिसाइक्लिंग आधारित आधारभूत सुविधाओं को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। बदलते जलवायु के परिपेक्ष में फसल चक्र को वर्षा चक्र से जोड़ना वर्तमान समय की मांग है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए स्वैच्छिक भागीदारी मूलभूत आवश्यकता है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए समय-समय पर बेहतर कदम उठाए
भारतीय सेवा संस्थान के उपाध्यक्ष एवं राजसिको अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए समय-समय पर बेहतर कदम उठाए है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय सेवा संस्थान के सचिव गिरधारी सिंह बापना ने कहा कि प्लास्टिक पर्यावरण के लिए सर्वाधिक दुष्प्रभावकारी कारकों में से एक है तथा प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रबंधन की उचित व्यवस्था के साथ ही लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि संस्थान की ओर से पर्यावरण दिवस के मौके पर शिक्षा संकुल में वृक्षारोपण का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस दौरान पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहे विभिन्न लोगों को पुरस्कृत किया गया।