पशुओं एवं पशुपालकों के कल्याण के लिए राज्य सरकार संकल्पित
जयपुर। पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य में पशुपालन के क्षेत्र में नित नयी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने के साथ ही पशुओं एवं पशुपालकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पशुधन की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए नि:शुल्क दवा योजना, उपकेंद्रों के साथ दवाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी, देशी पशुधन की नस्लों में सुधार, पशुधन चिकित्सा और स्वास्थ्य के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना से प्रदेश में पशुधन विकास को नयी दिशा मिली है।
कटारिया विश्व ने दुग्ध उत्पादक दिवस के अवसर पर श्रीनगर में आयोजित “वर्ल्ड मिल्क डे एन्ड समर मीट” में राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन ने हरित क्रांति की सफलता के उपरांत दूध के क्षेत्र में श्वेत क्रांति की जिससे दूध उत्पादन में वृद्धि के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी डेयरियों की स्थापना से रोजगार के अवसर बढे,कमजोर वर्गों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
सतत प्रयासों से राजस्थान बना दुग्ध उत्पादन में सर्वोच्च
कटारिया ने कहा कि राज्य में पशुपालकों के हितों के लिए लगातार संकल्पित होकर कार्य किया जा रहा है,जिसके परिणामस्वरूप राज्य को गत 15 मार्च को भारत सरकार द्वारा जारी बेसिक एनिमल हसबेंडरी स्टेटिस्टिक्स-2023 में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक राज्य घोषित किया गया। देश के कुल दूध उत्पादन में राजस्थान का हिस्सा 15.05 प्रतिशत है। राज्य में मुख्यमंत्री दुग्ध सम्बल योजना के तहत अनुदान राशि को 2 रूपए प्रति लीटर से बढाकर 5 रूपए प्रति लीटर किया गया है,जिससे लगभग 5 लाख दुग्ध उत्पादकों को 550 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त हो सकेगी।
मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा से पशुपालन में नए आयाम होंगे स्थापित
कटारिया ने कहा कि बढ़ती महंगाई से त्वरित रहत देने के लिए व्यापक स्तर पर राज्य में महंगाई राहत कैम्पों का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना के अंतर्गत दो दुधारू गाय या भैंस का 40 हजार रुपए तक का बीमा नि:शुल्क किया जा रहा है, साथ ही बीमा प्रीमियम की राशि पूर्णतः राज्य सरकार द्वारा वहन करने की जिम्मेदारी निभाई जा रही है । जिससे पशुपालक अब राज्य में चिंता मुक्त होकर पशुपालन कर सकेंगे, नतीजन राज्य में उन्नत नस्लीय पशुपालन के साथ पशुधन उत्पाद में भी वृद्धि हो सकेगी।
पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजना पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो रही
कटारिया ने राज्य में पशु एवं पशुपालकों के लिए संचालित की जा रही योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजना के तहत अब 138 प्रकार की दवाइयों के साथ ही जांच, समस्त टीके एवं 20 प्रकार के सर्जिकल कन्ज्यूमेबल्स निःशुल्क उपलब्ध करवाए जा रहे हैं जिससे पशुओं में होने वाले किसी भी रोग के इलाज के लिए पशुपालक पर किसी भी प्रकार का कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ता । प्रदेश में लम्पी स्किन डिजीज टीकाकरण का व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है ताकि किसी भी गोवंश में लम्पी स्किन डिजीज से कोई नुकसान न हो।
पशुमित्र योजना से पशुपालकों को घर पर ही मिलेगी पशुपालन से सम्बंधित सभी सुविधाएं
कटारिया ने पशु मित्र योजना की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में 5000 बेरोजगार प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार देने एवं पशुपालकों को विभाग की समस्त सुविधाओं से लाभान्वित करवाने के लिए पशु मित्र योजना शीघ्र लागू की जा रही है। इसके तहत पशुपालकों को अब टीकाकरण,कृत्रिम गर्भाधान, दवाइयां जैसी प्रमुख सुविधाएं उनके द्वार पर ही पशुमित्र के द्वारा उपलब्ध करवाई जाएँगी एवं विभाग की समस्त योजनाओं के प्रति जागरूक भी किया जाएगा।
भारत सरकार करवाए वित्तीय प्रावधान उपलब्ध ताकि अधिकाधिक पशुपालक हो सके लाभान्वित
इस अवसर पर श्री कटारिया ने केन्द्र सरकार से अपेक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश की विशाल भौगोलिक स्थिति एवं पशुओं की संख्या के मध्यनजर प्रदेश को विशेष आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए। केन्द्र सरकार पशुपालन किसान क्रेडिट कार्ड हेतु आवेदन पत्र मुद्रित कराये जाने एवं योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधान उपलब्ध करवाए ।भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन पर एस.एन.ए./सी.एन.ए. के माध्यम से किये गए व्यय उपरांत लिगेसी डेटा अपलोड किये जाने के अभाव में भारत सरकार द्वारा वित्तीय प्रावधान उपलब्ध नहीं कराये जाने से योजनाओं का क्रियान्वयन बाधित हो रहा है।अतः वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु राज्य सरकार के स्तर से प्रेषित प्रस्तावों के अनुरूप राशि उपलब्ध करवाएं ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन सुचारू रूप से किया जा सके।
इस अवसर पर विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि मंडल सहित जम्मू और कश्मीर के उप राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, केंद्रीय पशुपालन मंत्री श्री पुरुषोत्तम रुपाला, पशुपालन,डेयरी और मत्स्य पालन राज्य मंत्री श्री संजीव बलियान, केंद्रीय पशुपालन विभाग की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय, पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़ सहित अन्य राज्यों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।