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Academia should take concrete steps towards developing itself as a prestigious knowledge center - Minister of Arts, Literature and Culture

अकादमिया स्वयं को प्रतिष्ठित ज्ञानकेंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाये – कला साहित्य एवं संस्कृति मंत्री

राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार 2022-23

जयपुर। कला साहित्य एवं संस्कृति मंत्री श्री बी. डी. कल्ला ने कहा कि अकादमियों को स्वयं को प्रतिष्ठित ज्ञानकेंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाने होंगे और उनकी इस पहल में सरकार कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी। उन्होंने कहा कि किसी प्रदेश की अकादमी उस प्रदेश का सांस्कृतिक चेहरा होती है और तेजी से बदलते जा रहे समय के अनुरूप अकादमी को डिजिटल फ्रेंडली होने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

कल्ला शुक्रवार को हरिश्चंद्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान (ओटीएस) के भगवत सिंह मेहता सभागार में आयोजित राजस्थान साहित्य अकादमी का वार्षिक पुरस्कार-सम्मान समारोह 2022-23 को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कला साहित्य एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि लेखक, पाठक और नागरिक साहित्यिक बिरादरी के तीन प्रमुख घटक हैं और कोई भी अकादमी या सरकार लेखक नहीं बनाती बल्कि प्रदेश, देश और समाज के लेखकों से अकादमी की विशिष्ट पहचान बनती है। श्री कल्ला ने कहा कि आज के वर्तमान समय में अच्छे साहित्य की बहुत आवश्यकता है जिससे सोशल मीडिया और मोबाइल के इस युग में आने वाली पीढ़ियों को इसके घातक परिणामों से बचाया जा सके।

समारोह में श्री कल्ला ने साहित्यकारों को संगीत, कला और साहित्य के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया।

इस अवसर पर कला साहित्य एवं संस्कृति मंत्री द्वारा बहुप्रतिष्ठित मीरा पुरस्कार, रति सक्सेना को उनकी कृति ‘हंसी एक प्रार्थना के लिए’ कथा एवं उपन्यास विधा में रांगेय राघव पुरूस्कार भरत चंद्र शर्मा को उनके उपन्यास ‘पीर परबत-सी’ के लिए, काव्य विधा में सुधींद्र पुरूस्कार जयपुर के कवि मायामृग को उनकी कविता संग्रह ‘मुझमें मीठा तू है’ के लिए प्रदान किया गया। बाल साहित्य के क्षेत्र में शम्भूदयाल सक्सेना पुरस्कार कांकरोली की कुसुम अग्रवाल को उनकी पुस्तक ‘हम सब एक हैं’ के लिए दिया गया। आलोचना क्षेत्र का प्रतिष्ठित देवराज उपाध्याय पुरस्कार भरतपुर मूल के राजाराम भादू को आलोचना-कृति ‘कविता के आयाम’ के लिए तथा विविध विधाओं का कन्हैयालाल सहल पुरस्कार जयपुर के व्यंग्यकार यश गोयल को कृति ‘नामुमकिन नेता’ के लिए दिया गया।

मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी को विशिष्ट साहित्यकार सम्मान-

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के विशेषाधिकारी श्री फारूक आफ़रीदी को भी साहित्य के क्षेत्र में उनके अहम योगदान के लिए विशिष्ट साहित्यकार सम्मान प्रदान किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान साहित्य अकादमी अध्यक्ष श्री दुलाराम सहारण ने की। मुख्य वक्ता साहित्यकार-चिंतक प्रोफेसर अपूर्वानंद एवं विशिष्ठ अतिथि साहित्यकार डॉ. हेतु भारद्वाज राजस्थान राज्य गांधी स्मारक निधि के मंत्री धर्मवीर कटेवा, शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक श्री मनीष कुमार शर्मा रहें।

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