अहमदाबाद. मरेंगो सिम्स अस्पताल (Marengo Sims Hospital) ने किडनी की बीमारी के रोगियों में नई आशा जगाने के लिए एक एडवान्स्ड हेमोडायलिसिस युनिट की शुरुआत की है। एडवान्स्ड हेमोडायलिसिस युनिट डॉ. सिद्धार्थ मावाणी, डिरेक्टर, नेफ्रोलॉजी और किडनी प्रत्यारोपण, मरेंगो सिम्स अस्पताल, डॉ. मयूर पाटिल, कन्सल्टन्ट नेफ्रोलॉजिस्ट, मरेंगो सिम्स अस्पताल, नेफ्रोलॉजिस्ट और प्रत्यारोपण चिकित्सक डॉ. पंकज शाह और डॉ. रेचल शाह के विशेषज्ञ मार्गदर्शन में काम करेगी।
नेफ्रोलॉजिस्ट, डायलिसिस तकनीशियन टीम की चौबीसों घंटे उपलब्धता
अस्पताल ने अस्पताल में 45000 से अधिक डायलिसिस देखे हैं और अब तक 54 किडनी प्रत्यारोपण किए हैं। नया सेन्टर 12 डायलिसिस स्टेशनों के साथ एक अस्पताल-आधारित युनिट है और नवीनतम डायलिसिस मशीनों और आरओ प्लांट से सुसज्ज है। अस्पताल यूनिट के निर्बाध कामकाज के लिए नेफ्रोलॉजिस्ट, डायलिसिस तकनीशियन, डायलिसिस नर्स, रीनल डायटीशियन और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक समर्पित और कुशल टीम की चौबीसों घंटे उपलब्धता प्रदान करता है।
किडनी की देखभाल में सेवाओं के दायरे का विस्तार
मरेंगो सिम्स अस्पताल के नेफ्रोलॉजी और किडनी प्रत्यारोपण के निदेशक डॉ सिद्धार्थ मवानी कहते हैं, “इस एडवान्स्ड डायलिसिस युनिट के साथ हम किडनी की देखभाल में सेवाओं के दायरे का विस्तार करने के लिए सुसज्जित हैं। हम जिन सेवाओं की पेशकश करते हैं उनमें हेमोडायलिसिस, मेइन्टेनन्स एचडी, गंभीर रूप से बीमार आईसीयू रोगियों में डायलिसिस- एसएलईडी (निरंतर कम दक्षता डायलिसिस), एससीयूएफ (धीमी निरंतर अल्ट्राफिल्ट्रेशन), सीआरआरटी (निरंतर रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी), विषाक्तता के मामलों में डायलिसिस, पेरिटोनियल डायलिसिस और प्लास्मफेरेसिस शामिल हैं।
हर साल लगभग 12 मिलियन भारतीय सीकेडी
मरेंगो सिम्स अस्पताल के कन्सल्टन्ट नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. मयूर पाटिल ने बताया कि, “क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) के कारण लोग समय के साथ अपने किडनी की कार्यक्षमता खो देते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि हर साल लगभग 12 मिलियन भारतीय सीकेडी या अंतिम चरण के किडनी की विफलता से प्रभावित होते हैं। इस स्थिति में रोगी के लिए जीवन भर के लिए किडनी प्रत्यारोपण या नियमित डायलिसिस उपचार की आवश्यकता होती है। मरेंगो सिम्स अस्पताल के अध्यक्ष डॉ केयूर परीख ने बताया कि, “हमें अंग प्रत्यारोपण, सभी कार्डियक हस्तक्षेप, कैंसर, न्यूरोलॉजिकल और आर्थोपेडिक हस्तक्षेप के लिए एक पसंदीदा स्थान के रूप में पहचाना जाता है।