नई दिल्ली. नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) (एनपीएस) की न्यूनतम सुनिश्चित मुनाफा योजना (एमएआरएस) (NPS Assured Profit Plan) पर फ्लोटिंग दरें लागू होंगी, जिन्हें हर साल तय किया जाएगा। अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में पेंशन नियामक द्वारा शुरू की जाने वाली संभावित नई योजना में यह प्रस्ताव किया गया है। पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (Pension Fund Regulatory and Development Authority) (पीएफआरडीए) के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय (Chairman Supratim Bandyopadhyay) ने कहा कि योजना के लिए 10 साल की लॉक-इन अवधि होगी और 10 साल की सरकार की प्रतिभूति के मुताबिक मुनाफे की दर तय की जाएगी।
प्रतिफल में बदलाव बहुत ज्यादा तो पीएफआरडीए करेगा हस्तक्षेप
उन्होंने कहा, ‘गारंटी नियत गारंटी नहीं होगी, यह हर एक साल पर बदलेगी।’ मान लीजिए कि आज गारंटी 5 प्रतिशत पर तय की गई है। यह एक साल के लिए वैध होगी और उसके बाद इसे फिर से तय किया जाएगा, जो इससे ऊपर भी हो सकती है, कम भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि अगर इस बीच कोई झटका लगता है और प्रतिफल में बदलाव बहुत ज्यादा होता है तो पीएफआरडीए इसमें हस्तक्षेप करेगा और उसे फिर से तय करेगा।
गारंटी 10 साल की सरकार की प्रतिभूति से कम
बंद्योपाध्याय ने कहा कि यह गारंटी 10 साल की सरकार की प्रतिभूति से कम होगी। अगर 10 साल का सरकारी पेपर 7.5 प्रतिशत ब्याज देता है तो गारंटी 5 हो सकती है, जिसमें 2.5 प्रतिशत या ऐसा ही अंतर होगा। अगर बाजार का प्रदर्शन बेहतर रहता है और मुनाफे की दर 5 प्रतिशत से ज्यादा रहती है तो यह निवेशकों को दिया जाएगा। अगर बाजार खराब प्रदर्शन करता है और मुनाफे की दर 5 प्रतिशत से नीचे आती है तो फंड मैनेजर को इस अंतर का बोझ उठाना होगा। इस मकसद की पूर्ति हेतु फंड मैनेजरों के लिए पीएफआरडीए दिवाला मानक पेश करेगा। उन्होंने कहा कि यह बीमा कंपनियों की तरह होगा क्योंकि यह पहला मौका है, जब एमएआरएस पेश किया जा रहा है।