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वरूण बैवरेजेस ने पड़ौसी की फैक्ट्री में पानी निकासी के लिए सुरंग बना डाली

जोधपुर बोरानाडा के पेप्सी प्लांट द्वारा कैमिकल का गंदा पानी छोड़ा नजदीकी भुखण्ड में, महिला उद्यमी ने वरूण बैवरेजेस और जिम्मेदारों पर दर्ज कराई एफआईआर


जोधपुर. बोरानाड़ा स्थित वरूण बैवरेजेस व उनके जिम्मेदारों पर पड़ौसी की फैक्ट्री में सुरंग बनाकर पानी डालने का मामला दर्ज हुआ है। महिला उद्यमी मंजु सुराणा ने बताया कि बोरानाड़ा में उनके भुखण्ड के सटा हुआ पेप्सी यानि वरूण वेबरेजेस का भुखण्ड है जहां से हजारों लीटर रोजाना पानी का निकास होता है। कुछ महीनों पहले सुराणा ने अपने भुखण्ड पर पानी आता देख वरूण वेबरेजेस के मैनेजर व अन्य लोगों को षिकायत की थी और उन्होंने आगे से बाहर पानी नहीं छोड़ने को लेकर आष्वासन दिया था। उसके बाद उनके भुखण्ड पर कार्य शुरू हुआ तो कई बार बिल्डिंग मैटीरियल पानी लगने से खराब हो गया परंतु किसी को यह अंदाजा नहीं हुआ कि पेप्सी प्लांट के मालिकों ने उनके भुखण्ड में ही सुरंग बना रखी है। इसी वजह से नवनिर्मित हॉल का आकार टेढ़ा हो गया। सुराणा ने बताया कि वो तो गनीमत रही कि बिल्डिंग में कोई नहीं था नही ंतो जनहानि हो जाती।

एफआईआर दर्ज, जांच शुरू – सुराणा ने वरूण वेबरेजेस पर मामला दर्ज कराया है। इधर वरूण वेवरेजेस की ओर से अभी तक कोई बयान जारी नहीं हुआ है। जानकारों के अनुसार कम्पनी को पानी निकासी करनी ही नहीं होती है। नियमों के अनुसार बेवरेजेस प्लांट का अलग से ट्रीटमेंट प्लांट होता है और इस ईटीपी की जांच नियमित होती है परंतु सबकुछ धडल्ले में चल रहा है। अब ये पानी ट्रीटमेंट होकर आया था या सीधे ही छोड़ा जा रहा था यह जांच का विषय है परंतु इससे महिला के भुखण्ड पर निर्माण कार्य रूक गया है।

हुआ जबरदस्त नुकसान- महिला उद्यमी सुराणा ने बताया कि वरूण वेबरेजेस के इस कृत्य से न केवल उनकी बिल्डिंग ढहने लगी बल्कि सुरंग होने की वजह से अब वहां पर कुछ भी नया नहीं बनाया जा सकता। दो वर्षों से जो निर्माण कार्य हुआ था वो सारा धवस्त करना पड़ेगा। बिल्डिंग में क्रेक आ गए हैं और पानी अभी भी इतना है कि उस पर निर्माण करना असंभव है।

प्रदूषण विभाग भी जिम्मेदार- सुराणा ने बताया कि इंडस्ट्रीज में पानी निकासी को लेकर प्रदूषण विभाग को समय-समय पर जांच करनी आवष्यक होती है और उसके बाद ही कम्पनियों को विभाग से एनओसी जारी होती है परंतु पेप्सी प्लांट द्वारा रोजाना हजारों लीटर पानी बहाने को लेकर विभाग ने अभी तक जांच क्यों नहीं की। अगर प्रदूषण विभाग ही समय पर जांच कर लेता तो उन्हें इतना नुकसान नहीं होता।

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