नई दिल्ली| केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को तीन लाख रुपये तक के कम समय के कृषि ऋण पर डेढ़ प्रतिशत ब्याज सहायता को मंजूरी दी। इस कदम का मकसद कृषि क्षेत्र के लिये पर्याप्त ऋण उपलब्ध करवाना है।
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सभी वित्तीय संस्थानों के लिये छोटी अवधि के कृषि कर्ज के लिये 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता योजना बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है। इसके तहत कर्ज देने वाले संस्थानों (सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, छोटे वित्त बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और कंप्यूटरीकृत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों) को वित्त वर्ष 2022-23 से 2024-25 के लिये किसानों को दिए गए तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कर्ज के एवज में 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता दी जाएगी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया में कहा गया है कि ब्याज सहायता के तहत 2022-23 से 2024-25 की अवधि के लिये 34,856 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय प्रावधान की आवश्यकता भी होगी।
ब्याज सहायता में वृद्धि से कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह बना रहेगा और साथ ही वित्तीय संस्थानों की वित्तीय सेहत और कर्ज को लेकर व्यवहार्यता सुनिश्चित होगी। समय पर कर्ज भुगतान करने पर किसानों को चार प्रतिशत ब्याज पर लघु अवधि का ऋण मिलता रहेगा।
इसके फैलने का मुख्य स्रोत आर्थ्रोपोडा (मच्छर, काटने वाली मक्खियाँ, क्यूलिकोइड्स मिडज और तीन रक्त चूसने वाले कठोर टिक) हैं जो इसकेमुख्य संचालक का कार्य करता है।
शिविर के आयोजन पर मूफार्म के को -फाउंडर अभिजीत मित्तल ने कहा,* “मवेशी किसानों की आजीविका के प्रमुख स्रोत होते हैं और लम्पी रोग केकारण उन्हें पशुओं की हानि उठानी पड़ रही है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही। इसी को देखते हुए हमने ने किसानों को जागरूक करनेका प्रयास कर रहे हैं। यहाँ हम किसानों को पशु चिकित्सकों के माध्यम से पशुओं को लम्पी रोग को पहचानने, सावधानियां और उपचार के लिएदवाओं की जानकारी दे रहे हैं।“