नई दिल्ली| केंद्र सरकार ने अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद वैसे लोग अटल पेंशन योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे, जो इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं। सरकार का यह नियम आयकर दाताओं (इनकम टैक्स पेयर्स) के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। यह नियम 1 अक्टूबर, 2022 से लागू होगा।
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना (नोटिफिकेशन) के अनुसार, ‘एक अक्टूबर, 2022 से कोई भी नागरिक जो आयकर दाता है, या रहा है, वह अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में शामिल होने के योग्य नहीं होगा।’ नई अधिसूचना उन अंशधारकों पर लागू नहीं होगी, जो एक अक्टूबर 2022 से पहले इस योजना में शामिल हुए हैं।
अधिसूचना के मुताबिक यदि कोई अंशधारक, जो एक अक्टूबर, 2022 को या उसके बाद इस योजना में शामिल हुआ है, और बाद में पाया जाता है कि वह आवेदन की तारीख को या उससे पहले आयकर दाता रहा है, तो उसका एपीवाई खाता बंद कर दिया जाएगा और उस समय तक जमा पैसे उसके खाते में ट्रांसफर हो जाएंगे।
अटल पेंशन योजना के तहत 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 1,000 से लेकर 5,000 रुपए पेंशन मिलती है। स्कीम में 18 साल से 40 साल तक का व्यक्ति निवेश कर सकता है। यानी इसमें कम से कम 20 साल निवेश करना अनिवार्य है। 1 से 5 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन लेने के लिए सब्सक्राइबर को 42 से लेकर 210 रुपए प्रतिमाह तक भुगतान करना होगा।
सब्सक्राइबर जितना ज्यादा योगदान करेगा, उसे रिटायरमेंट के बाद उतनी ही ज्यादा पेंशन मिलेगी। सरकार की इस स्कीम में टैक्स डिडक्शन का बेनिफिट भी मिलता है। इसमें सेक्शन 80 CCC और 80CCD के तहत एडिशनल टैक्स बेनिफिट दिया जाता है।
सब्सक्राइबर की मृत्यु के बाद उसके जीवनसाथी को समान पेंशन का भुगतान किया जाएगा और सब्सक्राइबर और उसके जीवनसाथी दोनों के निधन पर 60 साल की आयु तक जमा की गई पेंशन राशि नॉमिनी को वापस कर दी जाएगी।