नई दिल्ली . भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने शुक्रवार को फिर से एक बार नीतिगत दरों यानी रेपो रेट में बढोतरी की है। अब रेपो रेट 50 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 5.40 फीसदी हो गया है। तकरीबन तीन महीने के अंतराल में रेपो रेट में यह लगातार तीसरी बढ़ोतरी है।
इस तरह से केंद्रीय बैंक द्वारा मई से लेकर अब तक रेपो रेट में कुल 140 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले मई में आरबीआई ने आनन-फानन में रीपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था और फिर अगले ही महीने जून में एमपीसी की बैठक में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की और बढोतरी की गई।
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते है जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है।
रेपो रेट में बढोतरी का असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई पर पड़ सकता है । इसका मतलब कि लोन रिपेमेंट के लिए आपको ज्यादा मंथली किस्त देनी पड़ सकती है।
रेपो रेट के कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है, जबकि रेपो रेट में बढ़ोतरी से कर्ज महंगा हो जाता है।