जयपुर| वेदांता समूह के जनकल्याण प्रभाग अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के तत्वावधान में कार्यरत एक अभूतपूर्व पशु कल्याण प्रोजेक्ट ‘टाको, द एनिमल केयर ऑर्गेनाइजेशन’ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर राजस्थान सरकार के वन विभाग को 1 करोड़ रुपये प्रदान किए।
इस अनुदान से राज्य सरकार रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीव संरक्षण कार्यों को बढ़ावा देगी। इस राशि से रॉयल बंगाल टाइगर के लिए मशहूर राष्ट्रीय उद्यान में गश्त के लिए वाहन खरीदने में मदद मिलेगी। इससे निगरानी रखने में सहायता होगी और निगरानी की बुनियादी व्यवस्था मजबूत होगी। वन क्षेत्र में अवैध शिकार बंद होगा। बाघ के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर यह अनुदान दिया गया है।
वेदांता लिमिटेड की निदेशक सुश्री प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने इस अवसर पर कहा, “भारत में बाघ संरक्षण के 50 वर्ष पूरे होने वाले हैं। इस मुकाम पर यह सोचना होगा कि हम बाघों के लिए और क्या कर सकते हैं। जहां तक बाघों की आबादी का सवाल है भारत लगभग 3,000 बाघों के साथ नंबर एक है। उनकी रक्षा और खुशहाली के लिए हमें एक स्थिर और सुरक्षित परिवेश देना होगा। हम टैको के साथ मिल कर सभी राज्यों में जंतुओं को बेहतर भविष्य देने के लक्ष्य से विश्वस्तरीय सुविधाएं देने को प्रतिबद्ध हैं। इस अभियान के तहत मुझे रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में योगदान देने का संकल्प लेने की प्रसन्नता है।’’
भारत सरकार का ‘प्रोजेक्ट टाइगर’शुरू होने के बाद राजस्थान सरकार बाघों के अवैध शिकार, अतिक्रमण को रोकने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। देश के सबसे बड़े और सबसे लोकप्रिय बाघ अभयारण्यों में से एक रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में है। राजस्थान का यह राष्ट्रीय अभयारण्य खास कर रॉयल बंगाल टाइगर के लिए मशहूर है। यहां 70 बाघ हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय अभयारण्य में अच्छी संख्या में तेंदुआ, भालू, हिरण की प्रजातियां जैसे चीतल (चित्तीदार हिरण), दलदली मगरमच्छ, पाम सिवेट, सियार, रेगिस्तानी लोमड़ी आदि हैं।
इस बीच टैको ने बाघों के संरक्षण की जागरूकता बढ़ाने के लिए हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अपने पशु आश्रय में एक पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित कर स्कूली बच्चों के साथ समारोह मनाया। टैको के पशु आश्रय में घायल, कुपोषित और बीमार पशुओं की सेवा की जाती है। पशुओं के स्वस्थ विकास के लिए बहुत अच्छी चिकित्सा देखभाल और संतुलित आहार की व्यवस्था है।
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने अपनी पहल टैको के माध्यम से पूरे दिल्ली-एनसीआर और मुंबई क्षेत्रों में पशु चिकित्सा सेवाओं में सहयोग देने और उन्हें सशक्त बनाने की योजना बनाई है। वर्तमान में यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कार्यरत है। इसमें शुरुआती निवेश 100 करोड़ रु. का है और इसका भारत के कई अन्य राज्यों में विस्तार किया जाएगा। संगठन की संरचना तीन स्तर की है जिसके तहत परस्पर सहयोग से विश्वस्तीय पशु कल्याण कार्य किया जाएगा।