जयपुर| मोटरसाइकिल और स्कूटर बनाने वाली विश्व की सबसे बड़ी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने पर्यावरणीय विकास को बढ़ावा देने के लिये अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के अनुरूप, राजस्थान में परियोजनाओं की एक
श्रृंखला शुरू की है।
कंपनी के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) मंच ‘हीरो वीकेयर’ के तहत लाई गई ‘हीरो ग्रीन ड्राइव’ पहल के अंतर्गत,हीरो मोटोकॉर्प ने जयपुर के पास आमेर तहसील के जाहोटा गांव के लोगों के लिये एक एग्रोफॉरेस्ट्री प्रोजेक्ट (कृषिवानिकी परियोजना) लॉन्च किया है। इस परियोजना के तहत गांव के 101 किसानों के साथ भागीदारी में 20,000 से ज्यादा फलदार वृक्ष लगाये जाएंगे और तीन साल तक उनका रख-रखाव किया जाएगा।
यह परियोजना मौसम की आकस्मिक स्थितियों और भूमिगत जल की कमी से होने वाली समस्याओं को भी दूर करने की कोशिश करेगी और किसानों को एक बड़ा ड्रिप इरिगेशन सिस्टम प्रदान करेगी, ताकि वे पानी बचा सकें और खराब स्थितियों में भी पौधों को जीवित रख सकें। किसानों को खेती के एकीकृत मॉडल का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि प्रति इकाई भूमि की गुणवत्ता, उत्पादकता और लाभदेयता बढ़े और किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी सुनिश्चित हो।
रविवार को प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते हुए, जयपुर-ग्रामीण के माननीय सांसद कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने कहा, “किसान भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और आत्मनिर्भर भारत की स्थापना के लिये गांवों का विकास जरूरी है। इस पहल के लिये और किसानों का रहन-सहन बेहतर बनाने में मदद के लिये हम हीरो मोटोकॉर्प के बहुत आभारी हैं। यह पहल कॉर्पोरेट और स्थानीय अथॉरिटीज के बीच भागीदारी का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिससे खेती के एक स्थायी मॉडल को बढ़ावा मिलेगा और मुझे उम्मीद है कि इससे और भी कॉर्पोरेट ऐसे अनुकूल उपाय करने के लिये प्रोत्साहित होंगे।”
हीरो मोटोकॉर्प में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) और कॉर्पोरेट संचार के प्रमुख भारतेंदु काबी ने कहा, “एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक के तौर पर हीरो मोटोकॉर्प ने लगातार न केवल कम्युनिटी के सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान देने का प्रयास किया है, बल्कि एक स्थायित्वपूर्ण और विकसित होता पारितंत्र भी बनाया है। इस प्रोजेक्ट का पहला उद्देश्य है छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका में सहयोग देना और अपने कई फायदों के चलते एग्रोफॉरेस्ट्री इसके स्थायी तरीकों में से एक है। एग्रोफॉरेस्ट्री के सही सिस्टम ऑर्गेनिक मैटर को बनाये रखकर और भूमिगत जल का संरक्षण कर मिट्टी के गुणों को भी बेहतर बनाते हैं। हम सारी प्लांटिंग साइट्स में ड्रिप-इरिगेशन सिस्टम लेकर आ रहे हैं और इससे भी पानी बचाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, फलदार वृक्षों की उपज किसानों की आय का अतिरिक्त स्रोत बनेगी। हमारी भागीदार संस्थाएं उनके साथ जुड़ी रहेंगी और खेती के एकीकृत मॉडल्स पर प्रशिक्षण देंगी।”