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A labourer carries a sack filled with pulses at a wholesale pulses market in Kolkata, July 31, 2015. REUTERS/Rupak De Chowdhuri

25 किलो से कम वज़नी पैकेटबंद आटा, दाल और अनाज महंगे हुए, केंद्र ने 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया

नई दिल्ली| केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अनाज से लेकर दालों और दही से लेकर लस्सी तक खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाए जाने से संबंधित बार-बार पूछे जाने वाले सवालों पर स्पष्टीकरण जारी किया है. इसमें कहा गया है कि जीएसटी उन उत्पादों पर लगेगा जिनकी आपूर्ति पैकेटबंद सामग्री के रूप में की जा रही है और इन पैकेटबंद सामान का वज़न 25 किलोग्राम से कम होना चाहिए. इससे पहले केवल ब्रांडेड अनाज-दालें ही जीएसटी के दायरे में आती थीं.

पैकेटबंद और लेबल वाले खाद्य पदार्थ मसलन आटा, दालें और अनाज सोमवार से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आ गए हैं. इनके 25 किलोग्राम से कम वजन के पैक पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू हो गया है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अनाज से लेकर दालों और दही से लेकर लस्सी तक खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाए जाने से संबंधित बार-बार पूछे जाने वाले सवालों पर स्पष्टीकरण जारी किया है.

इसमें कहा गया, ‘जीएसटी उन उत्पादों पर लगेगा जिनकी आपूर्ति पैकेटबंद सामग्री के रूप में की जा रही है. हालांकि, इन पैकेटबंद सामान का वजन 25 किलोग्राम से कम होना चाहिए.’ दही और लस्सी जैसे पदार्थों के लिए यह सीमा 25 लीटर है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने पिछले दिनों अपनी बैठक में डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था. बहरहाल, मंत्रालय ने इस संबंध में कहा, ‘18 जुलाई 2022 से प्रावधान लागू हो गया है और पहले से पैक तथा लेबल वाले उत्पादों की आपूर्ति पर जीएसटी लगेगा.’

उदाहरण के लिए चावल, गेहूं जैसे अनाज, दालों और आटे पर पहले पांच प्रतिशत जीएसटी तब लगता था, जब ये किसी ब्रांड के होते थे. अब 18 जुलाई से जो भी सामान पैकेटबंद है और जिस पर लेबल लगा है, उन पर जीएसटी लगेगा. इसके अलावा दही, लस्सी और मुरमुरे जैसी अन्य वस्तुएं यदि पहले से पैक और लेबल वाली होंगी, तो इन पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा.

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा जारी एफएक्यू (Frequently asked Questions) में कहा गया है कि पांच प्रतिशत जीएसटी पहले से पैक उन्हीं वस्तुओं पर लगेगा जिनका वजन 25 किलोग्राम या इससे कम है. हालांकि, खुदरा व्यापारी 25 किलो पैक में सामान लाकर उसे
खुले में बेचता है तो इस पर जीएसटी नहीं लगेगा.

इसमें उदाहरण देते हुए कहा है कि खुदरा बिक्री के लिए पैकेटबंद आटे के 25 किलोग्राम के पैकेट की आपूर्ति पर जीएसटी लगेगा. हालांकि, इस तरह का 30 किलो का पैकेट जीएसटी के दायरे से बाहर होगा. यह भी बताया गया कि उस पैकेज पर जीएसटी लगेगा, जिसमें कई खुदरा पैक होंगे. उसने उदाहरण दिया कि 50 किलो वाले चावल के पैकेज को पहले से पैक और लेबल वाला सामान नहीं माना जाएगा और इस पर जीएसटी नहीं लगेगा.

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स में वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि इस कर से चावल और अनाज जैसी बुनियादी खाद्य वस्तुओं की मूल्य आधारित मुद्रास्फीति आज से ही बढ़ जाएगी. इसके अलावा, 5000 रुपये से अधिक किराये वाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा. इसके अलावा 1000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गई है. अभी इस पर कोई कर नहीं लगता है.

इसी प्रकार, टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. वहीं, खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी. ‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर’, एलईडी लैंप, ड्रॉइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई हैं.

सौर वाटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जबकि पहले पांच प्रतिशत कर लगता था. सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिए जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जो अब तक 12 प्रतिशत था. हालांकि, रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा कुछ सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है. पहले यह 12 प्रतिशत थी.

ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी 18 प्रतिशत है.बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब ‘इकोनॉमी’ श्रेणी तक सीमित होगी. आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगेगा. बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा.

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