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महिन्द्रा युनिवर्सिटी ने बी.टेक. प्रोग्राम्स में प्रवेश की घोषणा की

नई दिल्ली,. इकोल सेंट्रल स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और भारत के सबसे तेजी से बढ़ते बहुक्षेत्रीय शैक्षणिक संस्थानों में से एक महिन्द्रा युनिवर्सिटी हैदराबाद ने 12 क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ अपने बी.टेक. प्रोग्राम्स में प्रवेश की घोषणा की है।

अकादमिक वर्ष 2022-23 के लिए इस 4 वर्षीय पूर्ण आवासीय प्रोग्राम्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसई), इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर इंजीनियरिंग (ईसीएम), कंप्यूटेशन एंड मैथमैटिक्स (सीएम), मैकेनिकल इंजीनियरिंग (एमई), मेकाट्रॉनिक्स (एमटी), सिविल इंजीनियरिंग (सीई) और नैनो टेक्नोलॉजी (एनटी) में विशेषज्ञता शामिल है। इस युनिवर्सिटी ने इस वर्ष इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, बायोटेक्नोलॉजी, कंप्यूटेशनल बायोलॉजी और कंप्यूटेशनल मीडिया में चार नए स्पेशलाइजेशन भी शुरू किए हैं। 2022-23 बैच के लिए 780 विद्यार्थियों का प्रवेश लेने का प्रस्ताव है। प्रवेश के पहले दौर के लिए आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई, 2022 है।

महिन्द्रा युनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर यजुलू मेदुरी ने कहा, “एआई, एमएल, आईओटी आदि जैसी नयी पीढ़ी की प्रौद्योगिकियां इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के भविष्य को नए सिरे से परिभाषित कर रही हैं। बीटेक विशेषज्ञता के ये सभी पाठ्यक्रम उद्यमशीलता की परियोजनाओं के जरिये वास्तविक दुनिया के अनुभव के साथ अकादमिक सीख में संतुलन लाते हैं। हमारा लक्ष्य ऐसे बहु कुशल नेतृत्व को प्रशिक्षित करना है जो आज की जटिल समस्याओं को हल करें और ऐसे नवप्रवर्तन करें जो समावेशी और टिकाऊ वृद्धि और प्रगति को समर्थ बनाएं। इस साल हमने तीन नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं जो अपनी प्रकृति और आज के समय में अपनी प्रासंगिकता की वजह से तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।”

अंतर-क्षेत्रीय अकादमिक उत्कृष्टता पर विशेष ध्यान देने के साथ इस पाठ्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे ये विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को सामाजिक विज्ञान, उदार कला, नैतिकता, प्रबंधन और दर्शन एवं डिजाइन की सोच के साथ एकीकृत करे। ये सभी प्रोग्राम्स शत प्रतिशत रिहाइशी हैं और इसमें अनिवार्य इंटर्नशिप के साथ इंटरनेशनल इमर्सन प्रोग्राम शामिल है।

स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एकैडमिक्स के डीन प्रोफेसर बिष्णु पी. पाल ने कहा, “एक लचीले पाठ्यक्रम की डिजाइन के साथ अनुसंधान आधारित सीख से विद्यार्थियों को दोनों ही दुनिया जैसे अकादमिक और उद्यमशील परियोजना का अनुभव हासिल करने में मदद मिलती है। अपनी पसंद की विशेषज्ञता के साथ प्रयोगात्मक सीख से इन विद्यार्थियों को एक प्रबंधकीय एवं उद्यमीशील सोच विकसित करने में मदद मिलती है।”

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