मुंबई: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को गोपनीय तरीके से दाखिल करने और निर्गम दस्तावेज पहले से ही दाखिल कराने (प्री-फाइलिंग) की योजना बना रहा है। इस कदम से निर्गम जारी करने वाली कंपनी को राहत मिलेगी और गोपनीयता से जुड़ी चिंता भी दूर हो जाएगी।
उद्योग के भागीदारों ने कहा कि यह व्यवस्था लागू होती है तो पूंजी बाजार को बढ़ावा मिलेगा, प्रक्रिया सुगम होगी और ज्यादा कंपनियां निर्गम लाने के लिए प्रोत्साहित होंगी। हालांकि अभी इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया जा रहा और लोगों से प्रतिक्रिया मंगाने के लिए परामर्श पत्र जारी किया गया है।
परामर्श पत्र में सेबी ने आईपीओ लाने वाली कंपनी के लिए निर्गम दस्तावेज पहले से जमा कराने की अनुमति देकर नियामकीय मूल्यांकन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर राय मांगी है। नियामक ने निर्गम दस्तावेज को केवल सेबी एवं स्टॉक एक्सचेंजों के पास जमा कराने की अनुमति पर भी प्रतिक्रिया मांगी है और यह प्रारंभिक जांच के लिए सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं होगा।
अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में आईपीओ दस्तावेज की प्री-फाइलिंग और गोपनीय फाइलिंग की व्यवस्था है। हाल के वर्षों में एयरबीएनबी, स्लैक और उबर ने संबंधित नियामकों के पास गोपनीय फाइलिंग के जरिये आईपीओ दस्तावेज जमा कराए थे।