चीन की अर्थव्यवस्था के बारे में आए नए आँकड़ों से पता चलता है कि वहाँ पिछले महीने कोरोना की नई लहर के बाद लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से लोगों के ख़र्चों में कमी आई है और बेरोज़गारी महामारी के शुरुआती दौर के बाद से अपने चरम पर पहुँच गई है.
मार्च के महीने से चीन में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेज़ उछाल आया है जिसके बाद देश के केई शहरों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है. इनमें शंघाई भी शामिल है जिसे चीन का वित्तीय, मैन्युफ़ैक्चरिंग और शिपिंग हब माना जाता है.
चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ़ स्टैटिस्टिक्स के जारी किए गए आँकड़ों के मुताबिक़ मार्च में रिटेल सेल्स या खुदरा बिक्री की दर 3.5% घट गई. 2020 की जुलाई के बाद से पहली बार इसमें गिरावट दर्ज की गई है.
इसी अवधि में बेरोज़गारी की दर बढ़कर 5.8% पर पहुँच गई. ये भी 2020 के मई महीने के बाद से सबसे ऊँची दर है.
ये आँकड़े बताते हैं कि आने वाले महीनों में चीन की अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन या तेज़ गिरावट आ सकती है. इसकी मुख्य वजह वहाँ बड़े पैमाने पर लागू किए गए लॉकडाउन के साथ-साथ यूक्रेन युद्ध को समझा जा रहा है.