मुंबई : भारत के बड़े कारोबारी घरानों के स्वामित्व वाले कारोबारी समूह का प्रदर्शन लगातार अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर रहा है। बाजार पूंजीकरण (एम-कैप) के हिसाब से तीन बड़े कारोबारी समूहों – टाटा, मुकेश अंबानी और अदाणी समूह के पास समेकित रूप से देश में परिवारों के स्वामित्व वाले सभी उपक्रमों के बाजार पूंजीकरण का 34.2 फीसदी है, जो मार्च 2021 में 31 फीसदी और दिसंबर 2016 के अंत में 22 फीसदी था।
तीनों बड़े कारोबारी समूहों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण गुरुवार को 54.45 लाख करोड़ रुपये रहा जो मार्च 2021 के 37.6 लाख करोड़ रुपये से 34.2 फीसदी अधिक है। इसकी तुलना में सभी सूचीबद्घ कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण इस दौरान 24.7 फीसदी बढ़कर 247.2 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि परिवारों के स्वामित्व वाली सूचीबद्घ कंपनियों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण वित्त वर्ष 2022 में 31.4 फीसदी बढ़कर 159.15 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। बिज़नेस स्टैंर्डर्ड का यह विश्लेषण बीएसई 500, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में शामिल 1,043 कंपनियों के नमूनों पर आधारित है। गुरुवार को बीएसई पर सभी सूचीबद्घ कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में नमूने में शामिल कंपनियों की हिस्सेदारी 94 फीसदी रही।
वित्त वर्ष 2022 में सबसे अधिक फायदे में अदाणी समूह रहा, जिसका बाजार पूंजीकरण 88 फीसदी बढ़ा। समूह की कंपनियों का समेकित बाजार पूंजीकरण गुरुवार को 12.35 लाख करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 6.68 लाख करोड़ रुपये था। इसमें अदाणी विल्मर को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि वित्त वर्ष 2021 में यह सूचीबद्घ नहीं हुई थी। अदाणी विल्मर को भी शामिल करने पर समूह का कुल बाजार पूंजीकरण 98 फीसदी बढ़कर 13.2 लाख करोड़ रुपये होगा। वित्त वर्ष 2022 में जेएसडब्ल्यू समूह के बाजार पूंजीकरण में 75 फीसदी का इजाफा हुआ। समूह की सूचीबद्घ कंपनियों का समेकित बाजार पूंजीकरण बढ़कर 2.33 लाख करोड़ रुपये हो गया है जो एक साल पहले 1.33 लाख करोड़ रुपये था। इसी तरह बजाज समूह का बाजार पूंजीकरण 43 फीसदी बढ़कर 8.91 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अन्य बड़े कारोबारी समूहों जिनके बाजार पूंजीकरण में खासी बढ़ोतरी हुई है उनमें वेदांत (39.4 फीसदी) और मुकेश अंबानी (38.1 फीसदी) प्रमुख हैं।