मुंबई: रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बीते शुक्रवार को पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीबी) को नए ग्राहक जोडऩे से रोक दिया था, जिसकी प्रमुख वजह अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) और, धनशोधन नियमों का उल्लंघन है। कई सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को इसकी जानकारी दी। बैंक ों से नया ग्राहक बनाने से पहले उसकी विस्तृत जांच-परख करने की उम्मीद की जाती है। उन्हें ग्राहक तथा उनके कारोबार को जानने की जरूरत होती है। ग्राहक की जांच-परख नहीं होने से धनशोधन का जोखिम रहता है। अगर बैंक ऐसा करने में विफल रहता है तो कई अन्य समस्या भी सामने आती है।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक में विजय शेखर शर्मा की 51 फीसदी और वन97 कम्युनिकेशंस की 49 फीसदी हिस्सेदारी है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नियामक ने आईटी ऑडिट के लिए ऑडिट फर्म नियुक्त करने का भी निर्देश दिया है। आरबीआई ने कहा कि नए ग्राहक आईटी ऑडिट की समीक्षा के बाद नियामक की मंजूरी से ही बनाए जा सकते हैं।
घटनाक्रम के जानकार सूत्रों ने कहा कि बैंकिग नियामक पेटीएम पेमेंट्स बैंक के साथ छह महीने से केवाईसी-धनशोधन निषेध नियमों से संबंधित चिंता पर चर्चा कर रहा था और पेमेंट्स बैंक द्वारा नियमों का अनुपालन नहीं किए जाने के बाद कार्रवाई की गई है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में पेटीएम पेमेंट्स बैंक के चेयरमैन विजय शेखर शर्मा ने कहा था कि आरबीआई ने समस्या को दूर करने के लिए एक समयसीमा तय की है।
शर्मा ने कहा, ‘यह प्रक्रिया दो चरण की है। चीजों को दुरुस्त करने के लिए समय निर्धारित किया गया है, उसके बाद ऑडिटर की नियुक्ति की जाएगी।’
बैंकिंग उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा कि एफएटीएफ देशों की समीक्षा के मद्देनजर आरबीआई केवाईसी-धनशोधन निषेध नियमों के अनुपालन को लेकर सख्त है। डेलॉयट में पार्टनर (वित्तीय सलाहकार) केवी कार्तिक ने कहा, ‘भारत साल के अंत में या अगले साल की शुरुआत में एफएटीई की समीक्षा कर सकता है। आरबीआई ने जोखिम आकलन के लिए दिशानिर्देश भी जारी किया है। पिछले दो-तीन साल में धनशोधन निषेध कानून के अनुपालन की सख्ती से जांच की जा रही है।’