मुंबई .:टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट आपूर्ति का भी ठेका मिल गया है। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। यह सौदा पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम के दूसरे चरण के क्रियान्वयन से अलग है, जिसका ठेका कंपनी को पहले ही मिल चुका है।
सौदे की लागत करीब 1,000 से 1,200 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जिसमें थेल्स इंडिया और एचपी ने भी बोली लगाई थी। सूत्रों ने पुष्टि की कि ई-पासपोर्ट सुविधा इस साल जुलाई-अगस्त से शुरू हो जाएगी। सरकार इसके लिए हार्डवेयर – चिप की आपूर्ति करेगी और टीसीएस चिप की एनकोडिंग करेगी। इस बारे में संपर्क करने पर टीसीएस के प्रवक्ता ने ईमेल से भेजे जवाब में कहा, ‘नीति के मुताबिक हम ठेके का खास ब्योरा या कीमत की जानकारी नहीं दे सकते हैं। टीसीएस ई-पासपोर्ट आपूर्ति सेवा में शामिल होगी जबकि बुकलेट आदि तैयार करने का काम सरकार के जिम्मे होगा।’ वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि केंद्र सरकार अगले वित्त वर्ष में ई-पासपोर्ट जारी करेगी। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि ई-पासपोर्ट चिप और भविष्य की प्रौद्योगिकी से युक्त होगा जिसे 2022-23 में लाया जाएगा। इसका उद्देश्य नागरिकों के लिए विदेश यात्रा को और सुविधाजनक बनाना है।
इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट में चिप लगा होता है जिसमें लोगों की व्यक्तिगत जानकारी होती है। ई-पासपोर्ट की सबसे पहले घोषणा 2008 में की गई थी और विदेश मंत्रालय की ओर से कुछ अफसरों और वरिष्ठ अधिकारियों को प्रायोगिक तौर पर ई-पासपोर्ट जारी किए गए थे। ई-पासपोर्ट का ऑपरेटिंग सिस्टम आईआईटी कानपुर और एनआईसी ने विकसित किया है और ई-पासपोर्ट के लिए ऐप्लिकेशन समाधान टीसीएस एवं थालेस ने तैयार किया है।