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फूड कंपनी स्विगी बनी डेकाकॉर्न

बेंगलूरु: दिग्गज फूड डिलिवरी कंपनी स्विगी ने धन जुटाने के नए चरण में 70 करोड़ डॉलर जुटाए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा निवेश इन्वेस्को ने किया है। इस चरण में बैरन कैपिटल, सुमेरु वेंचर, आईआईएफएल एएमसी लेट स्टेज टेक फंड, कोटक, ऐक्सिस ग्रोथ एवेन्यूज एआईएफ-1, सिक्सटींथ स्ट्रीट कैपिटल, गिसालो, ग्रुप और सेगंटाई कैपिटल जैसे बहुत से नए निवेेशकों की भी भागीदारी रही है। स्विगी के मौजूदा निवेशकों अल्फा वेव ग्लोबल (पहले फाल्कन एज कैपिटल), कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, एआरके इम्पैक्ट और लंबे समय से निवेशक प्रोसस ने भी इस चरण में हिस्सा लिया।

सूत्रों के मुताबिक स्विगी डेकाकॉर्न बन गई है क्योंकि इसका मूल्यांकन 10.7 अरब डॉलर यानी लगभग दोगुना हो चुका है। इससे यह भारत में शिक्षा तकनीक क्षेत्र की दिग्गज बैजूज के बाद दूसरी सबसे मूल्यवान स्टार्टअप बन गई है। बैजूज का मूल्यांकन इस समय 21 अरब डॉलर है। इस आंकड़े पर पहुंचने वाली यह पहली देसी स्टार्टअप है। बेंगलूरु स्थित स्विगी बजट आतिथ्य कंपनी ओयो से आगे निकल गई है। ओयो का मूल्यांकन वर्ष 2020 में घटकर 8 अरब डॉलर रह गया था, जो वर्ष 2019 में 10 अरब डॉलर था। लेकिन यह 2021 में बढ़कर 9 अरब डॉलर पर पहुंच गया। स्विगी खेल तकनीक कंपनी ड्रीम स्पोट्र्स से भी आगे निकल गई है, जो फैंटसी खेल प्लेटफॉर्म ड्रीम11 की मूल कंपनी है। स्विगी ने पिछले साल नवंबर में 8 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर 84 करोड़ डॉलर का निवेश जुटाया था।

स्विगी में यह निवेश ऐसे समय हुआ है, जब खाद्य एवं ऑनलाइन किराना अपनाए जाने की रफ्तार बढ़ रही है और स्विगी की कई सेवाओं के लिए उपभोक्ता मांग में वृद्धि हो रही है। पिछले साल फूड डिलिवरी कारोबार जीओवी के लिहाज से करीब दोगुना हो गया। लेकिन इस चरण में धन जुटाने से स्विगी को मुख्य प्लेटफॉर्म की वृद्धि तेज करने और इंस्टामार्ट में अच्छा निवेश करने में मदद मिलेगी। इंस्टामार्ट उभरते क्विक कॉमर्स ग्रॉसरी खंड में अच्छी स्थिति में है। यह अगली तीन तिमाहियों में 1 अरब डॉलर के सालाना जीएमवी (सकल वस्तु मूल्य) पर पहुंच सकती है। इसके बाद कंपनी व्यापक तंत्र में अपना निवेश बढ़ाएगी। यह धन जुटाने से स्विगी को जोमैटो, फ्लिपकार्ट, डंजो, लिशस और ओला फूड्स जैसी अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनियों से मुकाबला करने में मदद मिलेगी।

स्विगी के सीईओ और सह-संस्थापक श्रीहर्ष मजेटी ने कहा, ‘हमारे खाद्य डिलिवरी कारोबार ने जितना जीएमवी 40 महीनों में हासिल किया, उतना इंस्टामार्ट ने महज 17 महीनों में हासिल कर लिया। इससे स्विगी के प्लेटफॉर्म लाभों का पता चलता है। हम भारतीय उपभोक्ताओं को बेजोड़ सहूलियत मुहैया कराने के अपने लक्ष्य के मुताबिक और श्रेणियां बनाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य स्विगी को ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना है, जिसे 10 करोड़ उपभोक्ता एक महीने में 15 बार इस्तेमाल कर सकते हैं।’

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