नई दिल्ली.: सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ाने के मकसद से सरकार ने इन कंपनियों को अपनी जमीन और रियल एस्टेट संपत्तियों का बाजार मूल्य घोषित करने के लिए कहा है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि पीएसयू से कहा गया है कि वे जमीन तथा रियल एस्टेट के
निहित मूल्य बताएं क्योंकि ऐसी कंपनियों की बैलेंस शीट में कई वर्षों से इन संपत्तियों का मूल्य बुक वैल्यू के आधार पर कम करके आंका गया है। बाजार में भरोसा बहाल करने के लिए इस तरह की कवायद पहली बार की जा रही है क्योंकि पीएसयू के शेयर भाव निजी क्षेत्र की प्रतिस्पर्धी कंपनियों की तुलना में काफी कम है।
उक्त अधिकारी ने कहा कि वर्तमान अकाउंटिंग मानदंड के हिसाब से भी पीएसयू को केवल अपनी संपत्तियों की बुक वैल्यू घोषित करनी होती है लेकिन उनसे लोक उपक्रम विभाग द्वारा तैयार किए जाने वाले लोक उपक्रम सर्वेक्षण में इन कंपनियों को अपनी संपत्तियों के मूल्य की जानकारी देने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि संपत्तियों की बुक वैल्यू घोषित करने से खाते में ऐसी संपत्तियों का मूल्य कम करके आंका जाता है। अधिकारी ने कहा, ‘निवेशकों को जब पीएसयू कंपनियों की संपत्तियों का मूल्य पता चलेगा तो उससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों को लेकर निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ेगी और बाजार की धारणा में भी सुधार आएगा।’ इससे कंपनियों के खातों की बेहतर तस्वीर मिलेगी और कंपनी में संस्थागत या खुदरा निवेशकों से निवेश भी आएगा। एक अन्य सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘आम तौर पर कंपनियां मूल्यांकन की कवायद पूंजी जुटाने से पहले करती हैं। इन पीएसयू के पास कई बहुमूल्य संपत्तियां हैं और उनकी कीमत बहुत कम आंकी गई है।’
उन्होंने कहा, ‘भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स (बीएचईएल) जैसी पीएसयू की संपत्तियां कई वर्षों से कमतर दिखाई जा रही हैं। बाजार को इन पीएसयू की संपत्तियों का वास्तविक मूल्य पता चलने पर लगेगा कि इन कंपनियों का शेयर काफी सस्ता है।’ बीएचईएल की सालाना रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च, 2021 तक इसके पास 27,367 करोड़ रुपये मूल्य की गैर-मुख्य संपत्तियां थीं, जिनमें से प्रॉपर्टी, संयंत्र और उपकरण का मूल्य 2,426 करोड़ रुपये था। बीओबी कैपिटल मार्केटस में वरिष्ठ उपाध्यक्ष अंकुर बहल ने कहा, ‘हो सकता है कि कुछ पीएसयू की संपत्तियों का मूल्य कम करके आंका गया हो।’ उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम का मकसद पीएसयू की संपत्तियों का उचित मूल्य निर्धारित करना और बाजार को सकारात्मक संकेत देना है कि इन कंपनियों का वास्तविक अंतर्निहित मूल्य मौजूदा निहित मूल्य से कहीं ज्यादा है।