नई दिल्ली.: ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ज़ील) के बोर्ड ने देश के सबसे बड़े मीडिया सौदों में से एक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। ज़ी ने आज सुबह सोनी पिक्चर्स नेटवक्र्स इंडिया (एसपीएनआई) के साथ विलय के पक्के करार पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की। यह संयुक्त कंपनी करीब 14,000 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ भारत की दूसरी सबसे बड़ी मीडिया कंपनी है।
एसपीएनआई सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट इंक की परोक्ष सहायक कंपनी है। सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट इंक 82.5 अरब डॉलर के सोनी कॉर्प की कैलिफोर्निया स्थित इकाई है। विलय के बाद एसपीएनआई संयुक्त कंपनी में परोक्ष रूप से बहुलांश 50.86 फीसदी हिस्सेदारी रखेगी। इसमें ज़ी के प्रवर्तकों (सुभाष चंद्रा एवं उनके परिवार) की 3.99 फीसदी और कंपनी के अन्य शेयरधारकों की 45.15 फीसदी हिस्सेदारी होगी। ज़ी के मौजूदा सीईओ एवं प्रबंध निदेशक पुनीत गोयनका संयुक्त कंपनी की अगुआई करेंगे।
संयुक्त कंपनी के बहुसंख्यक निदेशक मंडल को सोनी चुनेगी। इनमें एसपीएनआई के वर्तमान प्रबंध निदेशक और सीईओ भी शामिल होंगे। वह सोनी पिक्चर्स इंडिया के चेयरमैन के रूप में रवि आहूजा के नीचे काम करेंगे, जिनकी इस सौदे को अमली जामा पहनाने में अहम भूमिका रही। आहूजा सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट में वैश्विक टेलीविजन स्टूडियो और कॉरपोरेट घटनाक्रम के चेयरमैन हैं। आहूजा ने कहा, ‘भारत में बहुत से लुभावने कारोबारों में से एक मीडिया है। यह तेजी से वृद्धि कर रहा है और हमारे लिए उपयुक्त है।’ सिंह ने कहा, ‘हमने भारत में एक सफल कारोबार खड़ा किया है और हम सोनी की वृद्धि के लिए अगले कदम पर विचार कर रहे थे। जब पुनीत और मैंने इस सौदे के बारे में बातचीत की तो हमें लगा कि हमारे कारोबार काफी हद तक एक-दूसरे के पूरक हैं। इसलिए मैंने इस बारे में टोनी और रवि से बात की और उन्हें यह विचार पसंद आया।’ यह सोनी का अधिग्रहण का दूसरा प्रयास है। इसकी वायकॉम 18 के साथ बातचीत काफी आगे बढ़ गई थी, लेकिन 2020 के आखिर में सौदा टूट गया। ज़ी के साथ सौदे से पहले भी काफी नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। इस साल की शुरुआत में ज़ी की सबसे बड़ी अल्पांश हिस्सेदार (18 फीसदी) इन्वेस्को ने कंपनी में प्रशासन को लेकर आपत्ति जताई थी। बार्क के 2020 के आंकड़ों के मुताबिक दोनों की टीवी दर्शकों में 28 फीसदी हिस्सेदारी होगी, जिससे यह डिज्नी स्टार से काफी आगे निकल जाएगी।