मुंबई : सुजूकी मोटर कॉर्प और टोयोटो मोटर कॉर्प की भारतीय सहायक कंपनियां मिलकर एक बोर्न इलेक्ट्रिक (शुद्घ इलेक्ट्रिक कार) प्लेटफॉर्म विकसित कर रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि विभिन्न देशों की सरकारों के कार्बन उत्सर्जन घटाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए अहम नीतिगत प्रोत्साहन देने से ईवी का नया बाजार बनेगा। इस परियोजना की जानकारी रखने वाले विभिन्न लोगों ने कहा कि यह ई-कार कंपनी के अगले पांच साल के दौरान वैकल्पिक पावरटे्रन तकनीक पर आधारित विभिन्न मॉडलों में से एक होगी।
ऊपर जिन लोगों का हवाला दिया गया है, उनमें से एक ने कहा कि मारुति सुजूकी इंडिया किफायती ईवी की परियोजना की अगुआई करेगी। यह ईवी भारत में 2024 के आखिर या 2025 की शुरुआत में तैयार होने के आसार हैं। कंपनी ने एक पखवाड़े पहले अपने आपूर्तिकर्ताओं से कलपुर्जों की निविदा आमंत्रित की हैं।
मारुति सुजूकी इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने घोषणा की है कि हम 2025 तक ईवी पेश करेंगे। इस प्रोटोटाइप के लिए विकास एवं परीक्षण का काम निर्धारित समय के अनुसार चल रहा है। अभी यह फैसला नहीं लिया गया है कि इसका विनिर्माण किस संयत्र में किया जाएगा। हम अपनी नीति के मुताबिक अन्य सभी पहलुओं को लेकर बाजार के कयासों पर कोई टिप्पणी नहीं करते हैं।’
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स को अलग से भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला। टोयोटा और सुजूकी हर साल इस मॉडल की करीब 1,14,000 कारें बनाने की योजना बना रही हैं। इस मॉडल से घरेलू मांग पूरी करने के अलावा इसे यूरोप और थाईलैंड को भी निर्यात किया जाएगा। इस मॉडल पर सुजूकी और टोयोटा का बैज होगा, ठीक उसी तरह जैसे यह अन्य पेट्रोलियम आधारित मॉडलों पर होता है। दोनों जापानी कार विनिर्माताओं के बीच 2018 में वैश्विक साझेदारी समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों कंपनियां भारत और कुछ अन्य बाजारों के लिए मॉडल एवं तकनीक साझा करेंगी। टोयोटा रीबैज्ड बलेनो और विटारा ब्रेजा को क्रमश: ग्लांजा और अर्बन क्रूजर के नाम से बेचती है।