मुंबई: कोरोनावायरस की नई किस्म के सामने आने से दुनिया भर के बाजारों में आज जोरदार गिरावट आई। बढ़ते मूल्यांकन और नीति को सामान्य बनाए जाने की चिंता से भी बिकवाली को बढ़ावा मिला। बेंचमार्क सूचकांक 1,668 अंक का गोता लगाकर 57,107 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 510 अंक टूटकर 17,026 पर बंद हुआ। 12 अप्रैल के बाद दोनों सूचकांकों में एक दिन में आई यह सबसे बड़ी गिरावट है। यह लगातार दूसरा हफ्ता है जब सूचकांक करीब 2 फीसदी गिरावट पर बंद हुए। सेंसेक्स 18 अक्टूबर के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 61,766 से करीब 7.56 फीसदी या 4,658 अंक फिसल चुका है। बाजार में उतार-चढ़ाव का आकलन करने वाला इंडिया वीआईएक्स 25 फीसदी चढ़कर 20.8 पर पहुंच गया। बाजार में गिरावट से आज निवेशकों को करीब 7.4 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी, जबकि इस पूरे हफ्ते में उन्हें 11 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। नई रिपोर्ट के अनुसार कोरोनावायरस की बी1.1.529 किस्म का दक्षिण अफ्रीका में पता चला है, जो तेजी से संक्रमण फैलाने में सक्षम है और टीके का भी इस पर कोई असर नहीं पड़ता है। विश्लेषकों का कहना है कि कोरोनावायरस की नई किस्म और टीके के उस पर बेअसर होने की बात से निवेशकों में घबराहट देखी गई क्योंकि इससे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर फिर से दबाव बढ़ सकता है और लॉकडाउन जैसे हालात बन सकते हैं, जिससे आर्थिक सुधार को जोखिम हो सकता है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक और निदेशक यूआर भट्ट ने कहा, ‘वायरस की नई किस्म पर टीका बेअसर होने से निवेशक खासे चिंतित हैं। अगर मौजूदा टीका इस पर कारगर नहीं होता है तो एक बार फिर मार्च 2020 जैसी स्थिति आ सकती है। डेल्टा संस्करण के प्रसार से यूरोप परेशान है और नई किस्म के आने से स्थिति और बिगड़ सकती है। हालांकि अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर है। मुद्रास्फीति बढ़ रही है, जिससे ब्याज दरों में वृद्घि शुरू होनी चाहिए। लेकिन मौजूदा हालात से स्थिति और जटिल हो गई है।’