मुंबई .भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक में कहा कि बैंकों को जोखिम के उभरते संकेतों को लेकर सतर्क रहने और इस तरह के जोखिम को कम करने के लिए जरूरी उपाय करने करने को कहा। साथ ही बैंकों को विकास में बेहतर सहयोग करने के भी निर्देश दिए।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि दास ने सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र के कुछ बैंकों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्याधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अलग-अलग बैठकें कीं। दास ने अपने संबोधन में बैंकों की वित्तीय स्थिति और परिचालन में आए सुधार का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इससे वित्तीय स्थिरता सुदृढ़ हुई है। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों के पुनरुद्धार में बैंकों द्वारा आवश्यक सहायता को जारी रखने की जरूरत है।
बैठक की जानकारी रखने वाले बैंकरों ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों ने बताया कि आर्थिक सुधार के परिदृश्य को देखते हुए उधारी मांग बेहतर रहने की उम्मीद है। ऋण आवंटन का दायरा बढ़ाने के लिए बैंकों की ओर से देश के सभी राज्यों में ऋण मेला लगाया जा रहा है। आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि ऋण की मांग सुधरी है लेकिन उसकी रफ्तार थोड़ी धीमी है। बैंकिंग तंत्र का ऋण विस्तार 8 अक्टूबर, 2011 तक सालाना आधार पर 6.5 फीसदी बढ़ा है जो एक साल पहले 5.7 फीसदी था।
दास ने बैंकों को जोखिमों या संकट के उभरते संकेतों को लेकर सतर्क रहने और इन्हें कम करने के लिए जरूरी उपाय करने करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बैंकों को न केवल संस्थान के स्तर पर बल्कि पूरे वित्तीय तंत्र में
स्थायित्व बरकरार रखने पर ध्यान देना चाहिए।
बैठक में खासकर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को कर्ज प्रवाह, दबाव वाली संपत्ति की स्थिति तथा बैंकों के वित्तीय प्रौद्योगिकी इकाइयों से जुडऩे समेत अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई।