नई दिल्ली. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अक्टूबर में बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के अक्टूबर की तुलना में 24 फीसदी और कोविड से पहले के वर्ष 2019-20 की समान अवधि से 36 फीसदी अधिक है। 2017 में जीएसटी के लागू होने के बाद से यह किसी एक महीने में दूसरा सबसे ज्यादा कर संग्रह है। जीएसटी संग्रह में वृद्घि दर्शाती है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था में सुधार मजबूत हुआ है। इससे पहले इस साल अप्रैल में सबसे अधिक 1.40 लाख करोड़ रुपये जीएसटी का संग्रह हुआ।
वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि कर संग्रह का यह सकारात्मक रुख आगे भी जारी रहेगा और साल की दूसरी छमाही में सरकार को ज्यादा राजस्व मिलेगा। पिछले पांच महीने से जीएसटी संग्रह में लगातार तेजी देखी जा रही है जो अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार का संकेत है। वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘यह आर्थिक सुधार के रुख के अनुरूप है। महामारी की दूसरी लहर के बाद हर महीने जारी होने वाले ई-वे बिल भी इसका प्रमाण हैं। अगर कारों और अन्य उत्पादों की बिक्री सेमीकंडक्टर की किल्लत से प्रभावित नहीं होती तो जीएसटी संग्रह का आंकड़ा और अधिक हो सकता था।’ मंत्रालय ने कहा कि कर संग्रह में इजाफा राज्य और केंद्र के कर अधिकारियों के प्रयासों से हुई है जिसकी बदौलत बीते महीनों में कर अनुपालन बढ़ा है। इसके अलावा करवंचना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई से भी संग्रह बढ़ाने में मदद मिली है।
ईवाई में टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा, ‘जीएसटी संग्रह आंकड़े उत्साहवद्र्घक और आर्थिक सुधार के स्पष्ट संकेत हैं। त्योहारी मौसम होने से आने वाले महीनों में भी जीएसटी संग्रह इसी तरह या इससे अधिक रह सकता है।’ अनुपालन को आसान बनाने के लिए जीएसटी परिषद ने एसएमएस के जरिये शून्य देनदारी की फाइलिंग, तिमाही रिटर्न का मासिक भुगतान प्रणाली और रिटर्न फॉर्म में कई जरूरी जानकारियां पहले से भरी होने जैसे कई उपाय किए हैं।